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US Ambassador in India: पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी होंगे भारत में अमेरिका के नए राजदूत, अमेरिकी सीनेट ने दी मंजूरी

US Ambassador in India: लाॅस एंजिल्स के पूर्व महापौर एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के नए राजदूत बन गए हैं। अमेरिकी संसद के अपर हाउस ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। भारत में अमरीकी राजदूत का पद पिछले दो साल से खाली था। ऐसा पहली बार हुआ है, जब ये पद इतने लंबे […]

US Ambassador in India: लाॅस एंजिल्स के पूर्व महापौर एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के नए राजदूत बन गए हैं। अमेरिकी संसद के अपर हाउस ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। भारत में अमरीकी राजदूत का पद पिछले दो साल से खाली था। ऐसा पहली बार हुआ है, जब ये पद इतने लंबे वक्त तक खाली रहा। एरिक गार्सेटी से पहले केनिथ जस्टर भारत में अमेरिका के आखिरी राजदूत थे। जिनका कार्यकाल जनवरी 2021 में समाप्त हो गया था। जिसके बाद एरिक गार्सेटी को नियुक्त किया गया था। लेकिन उन्होंने महापौर रहते यौन शोषण करने वाले अपने ऑफिस स्टाफ पर कार्रवाई नहीं की थी। और पढ़िए - शिकागो एयरपोर्ट पर फंसे 300 यात्री, पैसेंजर्स बोले- हमें नहीं पता कब दिल्ली पहुंचेंगे?

भारत में स्थाई राजदूत अमेरिका के हित में

रिपब्लिकन सांसद यंग ने गार्सेटी के पक्ष में मतदान करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि चीन से निपटने और पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के साथ काम करने के लिए भारत में तुरंत एक राजदूत की नियुक्ति करना हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है। उन्हें भले ही उपयुक्त अनुभव नहीं है, लेकिन वह इस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाने का कौशल रखते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में गार्सेटी के नामांकन को मंजूरी देने के लिए सीनेट समिति का आभार जताया। उसने कहा कि भारत अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण देश है और वहां स्थाई राजदूत होना अमेरिका के हित में है। और पढ़िए - Australia: ब्रिस्बेन में खालिस्तानी समर्थकों ने जबरन बंद कराया भारतीय वाणिज्य दूतावास, काम नहीं आई PM मोदी की चिंता

जानें कौन है एरिक गार्सेटी?

एरिक गार्सेटी लाॅस एंजिलिस के पूर्व महापौर रह चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें जुलाई 2021 में राजदूत पद के लिए नाॅमिनेट किया था। बतौर राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों में गार्सेटी के नामांकन को इसलिए मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि कुछ सांसदों ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था कि वह मेयर रहने के दौरान अपने एक वरिष्ठ सलाहकार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से प्रभावी ढंग से निपटने में नाकाम रहे थे। और पढ़िए - दुनिया से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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