Putin India visit December amid Ukraine war: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 5-6 दिसंबर को भारत दौरा दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली यात्रा भारत और रूस के बीच संबंधों की मजबूती को दर्शाती है. पुतिन के इस दौरे पर दोनों देश रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में अपने संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे. इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे कंपीटिशन के दौर में भारत अपनी मजबूत विदेशी नीति के दम पर रूस, अमेरिका और चीन, तीनों के साथ रिश्ते कायम रखता है. पुतिन का दौरा इस डिप्लोमेटिक रणनीति को और मजबूत करेगा.
अमेरिका को मिलेगा मजबूत संदेश
पुतिन की भारत विजिट ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका रूस से तेल खरीद पर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रहा है. पुतिन का भारत दौरा अमेरिका को यह स्पष्ट संदेश देगा कि भारत अपनी विदेश नीति में बाहरी दबावों के आगे नहीं झुकेगा. यह अमेरिकी प्रतिबंधों और व्यापारिक नीतियों के जवाब में भारत और रूस के बीच बढ़ती नजदीकियों को भी दर्शाता है. यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सौदों और आर्थिक साझेदारी पर विशेष ध्यान रहेगा. रूसी विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत-रूस की आर्थिक साझेदारी को कोई खतरा नहीं है. इस दौरे से व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में नए समझौतों की उम्मीद है.
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यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली यात्रा
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली यात्रा होगी. यह दौरा दुनिया को यह संकेत देगा कि भारत अभी भी रूस के साथ अपने ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को महत्व देता है, भले ही पश्चिम के देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हों. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए 5-6 दिसंबर को भारत का दौरा कर सकते हैं, जो फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से उनकी नई दिल्ली की पहली यात्रा होगी. क्रेमलिन ने पहले पुष्टि की थी कि पुतिन ने मई में भारत आने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है , हालांकि दोनों पक्षों ने तारीख तय नहीं की थी.
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