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US Election: ज्यादा वोट लेकर भी हार सकते हैं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, जानिए क्या है ये नियम

US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कोलॉज का वोट किसी भी उम्मीदवार के लिए बहुत अहम होता है। 2016 के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन वोट ट्रंप के मुकाबले ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन इलेक्टोरल कोलॉज में ट्रंप बाजी मार गए। और इस तरह वे राष्ट्रपति पद तक पहुंचे।

डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस | फाइल फोटो
US Presidential Election 2024: 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को हराया तो किसी को यकीन नहीं हुआ। हिलेरी को ट्रंप के मुकाबले 30 लाख ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन गैर अमेरिकियों को समझ नहीं आया कि कम वोट पाने के बावजूद ट्रंप जीत कैसे गए। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल कोलॉज के वोट चाहिए होते हैं। ये इलेक्टोरल कोलॉज अलग-अलग स्टेट के होते हैं, जो भी 270 के आंकड़े को पार करता है, वह राष्ट्रपति बनता है। 5 नवंबर को ट्रंप और हैरिस के बीच मुकाबले से पहले ये नियम एक बार फिर सुर्खियों में है। ये भी पढ़ेंः Elon Musk ने अमेरिका में किया अवैध काम? टेस्ला के सीईओ पर लगा बड़ा आरोप

इलेक्टोरल कोलॉज क्या है?

इलेक्टोरल कोलॉज में 538 सदस्य होते हैं। ये अपने-अपने राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं। ऐसे में किसी भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को इन इलेक्टोरल कोलॉज के 538 में से 270 वोट हासिल करने होते हैं। इस सिस्टम की शुरुआत 1787 में हुई थी। अप्रत्यक्ष तौर पर इसे सिंगल राउंड राष्ट्रपति चुनाव भी कहा जाता है। राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कोलॉज की वोटिंग इस बार 17 दिसंबर को होगी। वहीं 6 जनवरी 2025 को अमेरिकी कांग्रेस की बैठक होगी और जीते हुए उम्मीदवार को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

इलेक्टोरल कोलॉज कैसे बनता है?

इलेक्टोरल कोलॉज में 538 सदस्य होते हैं। इनमें पार्टी के निर्वाचित पदाधिकारी, और नेता शामिल होते हैं। हालांकि उनके नाम मतपत्रों पर नहीं होते हैं। हर राज्य में इलेक्टोरल कोलॉज के उतने ही वोट होते हैं, जितने कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उस राज्य के प्रतिनिधि होते हैं। ये संख्या राज्य की आबादी पर निर्भर करती है। सीनेट में हर राज्य के दो सदस्य होते हैं। कैलिफोर्निया में 54 इलेक्टोरल कोलॉज हैं, टेक्सस में 40 और अलास्का, डेलॉवर, वर्मोंट और व्योमिंग में केवल तीन-तीन इलेक्टोरल कोलॉज हैं। वॉशिंगटन के पास भी तीन इलेक्टोरल कोलॉज हैं। हालांकि अमेरिकी कांग्रेस में वॉशिंगटन का कोई वोट नहीं है। ये भी पढ़ेंः कनाडाई पीएम का खालिस्तानी आतंकी से कनेक्शन! पन्नू ने जस्टिन ट्रूडो को लेकर किया बड़ा दावा अमेरिकी संविधान राज्यों को आजादी देता है कि वे तय करें कि उनके राज्य का इलेक्टोरल कोलॉज किस उम्मीदवार को जाएगा। दो राज्यों नेब्रास्का और मेन, कांग्रेस के जिलों के हिसाब से कुछ निर्वाचकों को नियुक्त करते हैं। इन दो राज्यों के अलावा हर राज्य में सबसे ज्यादा वोट जीतने वाला उम्मीदवार उस राज्य के सभी इलेक्टोरल कोलॉज को जीत लेता है।

इलेक्टोरल कोलॉज को लेकर विवाद

नवंबर 2016 में ट्रंप को 306 इलेक्टोरल कोलॉज के वोट मिले थे। लेकिन ट्रंप से पहले भी पांच अमेरिकी राष्ट्रपति इस प्रकार से पद पर आसीन हुए हैं। इनमें 1824 में चुने गए जॉन क्विंसी एडम्स पहले थे। सबसे नया मामला वर्ष 2000 का है, जब रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट उम्मीदवार अल गोर के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। गोर को बुश के मुकाबले 5 लाख ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फ्लोरिडा का इलेक्टोरल कोलॉज वोट बुश को दे दिया गया था, और बहुत ही कम मार्जिन के साथ बुश की जीत हुई।  


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