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PM Modi से हाथ मिलाने वाली तुलसी गब्बार्ड कौन, वाशिंगटन DC में क्या है इनका पद?

Tulsi Gabbard Hindu Name Story: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इंटेलिजेंस डायरेक्टर को हिंदू नाम कैसे मिला? हालांकि नवनियुक्त अधिकारी का भारत से भी कोई कनेक्शन नहीं है, लेकिन इनके हिंदू नाम के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है।

Tulsi Gabbard
Tulsi Gabbard Met PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के लिए अमेरिका की यात्रा पर हैं। वे आज सुबह करीब साढ़े 4 बजे अमेरिका पहुंचे, जहां उनका शानदार स्वागत हुआ। उन्हें ब्लेयर हाउस में ठहराया गया है, लेकिन अमेरिका पहुंचकर PM मोदी ने सबसे पहले वाशिंगटन DC में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गब्बार्ड से मुलाकात की। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने तुलसी गब्बार्ड की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर (खुफिया निदेशक) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति बीते दिन ही हुई है। वहीं तुलसी गब्बार्ड ने प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाकर गर्मजोशी से उनका स्वागत हुआ। उनसे मुलाकात के बाद PM मोदी ने एक ट्वीट भी लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि मुलाकात के दौरान तुलसी गब्बार्ड को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है। उनसे भारत-अमेरिका के बेहतर रिश्तों से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बात की है। इन मुद्दों की वे हमेशा से समर्थक रही हैं।  

हिंदू नाम की वजह से सुर्खियों में तुलसी

बता दें कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदू कांग्रेस सदस्य और रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व डेमोक्रेट तुलसी गबार्ड को इंटेलिजेंस डायरेक्टर बनाया है, लेकिन तुलसी अपनी नियुक्ति को लेकर नहीं, बल्कि अपने नाम को लेकर सुर्खियों में रहीं, क्योंकि उनके नाम का पहला अक्षर हिंदू है। इस वजह से लोग उन्हें भारतीय समझ रहे हैं, लेकिन बता दें कि तुलसी का नाम हिंदू हैं, लेकिन वे भारतीय नहीं हैं। ऐसे में बड़ा सवाल लोगों के मन में यह भी है कि अगर तुलसी भारतीय नहीं हैं, तो उनका नाम हिंदू क्यों है? किसने रखा था और क्यों रखा था? आइए इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं... यह भी पढ़ें:भड़काऊ भाषण देकर फंसे ओवैसी; पुलिस ने भेजा नोटिस, जानें AIMIM अध्यक्ष के खिलाफ क्या है मामला? तुलसी गबार्ड का हिंदू नाम ऐसे पड़ा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी गबार्ड को भारतीय इसलिए समझ लिया जाता है, क्योंकि उनका नाम भारत में पूजनीय तुलसी माता के नाम पर तुलसी रखा गया है। उनका यह नाम उनकी मां रखा, क्योंकि उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था। इसलिए उन्होंने अपने सभी बच्चों के नाम हिंदू धर्म के अनुसार रखे। तुलसी गबार्ड भी खुद को हिंदू मानती हैं और हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करती हैं। वह पहली हिंदू अमेरिकी कांग्रेसवुमन थीं। तुलसी वैो अमेरिकी समोआ मूल की हैं, लेकिन उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली थी। तुलसी 20 साल से ज्यादा समय तक अमेरिका की सेना में सेवाएं दे चुकी हैं। वे इराक और कुवैत में रह चुकी हैं।   यह भी पढ़ें:Video: बिछड़े दोस्तों की मुलाकात भावुक करेगी! 14 साल बाद मिले, पढ़ें अजब दोस्ती की खूबसूरत कहानी

डेमोक्रेटिक छोड़ जॉइन की थी रिपब्लिकन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी ने 2 साल तक हाउस होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी में भी काम किया है। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। साल 2013 से 2021 तक हवाई के दूसरे जिले के लिए कांग्रेसवुमन के रूप में कार्य किया। साल 2020 में तुलसी ने कमला हैरिस के खिलाफ डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की दावेदारी की, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी पर युद्धों का विरोध नहीं करने का आरोप लगाया, लेकिन वह दौड़ से बाहर हो गईं और साल 2022 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी। उसी साल तुलसी ने रिपब्लिकन पार्टी जॉइन कर ली और राष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया। कमला हैरिस के खिलाफ बहस की तैयारी में उनकी मदद की। यह भी पढ़ें:China को बड़ा झटका! 5वीं पीढ़ी के नए लड़ाकू विमान J35 पर क्यों उठ रहे सवाल? जानें फाइटर जेट की खासियतें

सिनेमेटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से शादी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी गैबार्ड की शादी सिनेमेटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से हुई है। उनके पिता माइक गैबार्ड स्टेट सीनेटर हैं, जो पहले रिपब्लिकन के रूप में चुने गए थे, लेकिन बाद में वे डेमोक्रेट बन गए। डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को गर्वित रिपब्लिकन बताया और कहा कि वे अमेरिका के इंटेलिजेंस को निडर बना सकती हैं। निश्चित ही वे अपना और पार्टी का नाम रोशन करेंगी। यह भी पढ़ें:गजब का ऑफर! फ्री IVF कराएं; दुनिया की ये मशहूर हस्ती देगी अपना स्पर्म, जानें नियम और शर्तें


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