लोग कैसे ले सकेंगे 25 रुपये की प्याज और 60 रुपये में दाल, समझिये मोदी सरकार का पूरा प्लान
उधर, नेशनल रजिस्ट्री ऑफ एक्सोनरेशन के अनुसार, वर्ष 1989 से अब तक 575 गलत तरीके से दोषी ठहराए गए लोगों को नए डीएनए परीक्षणों के आधार पर बरी कर दिया गया है। इनमें से 35 फांसी की प्रतीक्षा कर रहे थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि गोरे लोगों की तुलना में काले संदिग्धों के गलत सजा का शिकार होने की संभावना कहीं अधिक है।
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