वाशिंगटन: अमेरिकी सेना फिलीपींस में 9 ठिकानों से अब चीन के खिलाफ मोर्चा संभालेंगी। दक्षिण चीन सागर में चीन से मुकाबला करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सहमति बन गई है। बता दें दरअसल, 1951 में दोनों देशों के बीच एक रक्षा संधि हुई थी। जिसके तहत यह कदम उठाया गया है।
2014 के रक्षा सहयोग समझौते (EDCA) के तहत यह अनुमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सैन्य ठिकाने कि ताइवान के करीब दक्षिण चीन सागर के दक्षिण-पूर्वी छोर में है। फिलीपींस ने अमेरिका को 2014 के रक्षा सहयोग समझौते (EDCA) के तहत यह अनुमति दी है। इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने हाल ही में चुने गए राष्ट्रपति फर्डिनेंड "बोंग बोंग" मार्कोस जूनियर के साथ विस्तारित अमेरिकी आधार पहुंच पर चर्चा करने के लिए नवंबर में फिलीपींस का दौरा किया था। विशेषज्ञों के अनुसार, उनकी यात्रा ने बीजिंग को स्पष्ट संदेश दिया कि फिलीपींस करीब बढ़ रहा है।
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चीन पश्चिम फिलीपीन सागर में अपने नाजायज दावों को आगे बढ़ा रहा
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने गुरुवार को फिलीपींस की राजधानी मनीला की यात्रा के दौरान बोलते हुए कहा कि अमेरिका और फिलीपींस सशस्त्र हमले का विरोध करने के लिए अपनी आपसी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऑस्टिन ने मीडिया में कहा, "यह हमारे गठबंधन को आधुनिक बनाने के हमारे प्रयासों का हिस्सा है। ये प्रयास विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना पश्चिम फिलीपीन सागर में अपने नाजायज दावों को आगे बढ़ा रहा है।"
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