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Uganda Terror Attack: युगांडा में ISIS के आतंकियों ने स्कूल हॉस्टल में लगाई आग, 26 की मौत, 6 का अपहरण

Uganda Terror Attack:अफ्रीकी देश युगांडा के एक स्कूल में इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS) से जुड़े आतंकियों ने हमला कर दिया। इस दौरान 26 लोगों के मारे जाने की सूचना है। मरने वालों में ज्यादातर छात्र हैं। जबकि 8 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। 6 छात्र लापता हैं। आशंका है कि इन छात्रों का अपहरण […]

Uganda Terror Attack
Uganda Terror Attack:अफ्रीकी देश युगांडा के एक स्कूल में इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS) से जुड़े आतंकियों ने हमला कर दिया। इस दौरान 26 लोगों के मारे जाने की सूचना है। मरने वालों में ज्यादातर छात्र हैं। जबकि 8 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। 6 छात्र लापता हैं। आशंका है कि इन छात्रों का अपहरण कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि हमला आईएसआईएस से जुड़े एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) ने किया है।

अब तक 26 शव बरामद किए

यह पूरा मामला पश्चिमी युगांडा में मपोंडवे के लुबिरिरा सेकेंडरी स्कूल का है। युगांडा पुलिस ने बताया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) बॉर्डर से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मपोंडवे में लुबिरिरा सेकेंडरी स्कूल पर शुक्रवार की रात एडीएफ विद्रोहियों ने आतंकी हमला किया। आतंकियों ने छात्रावास को जला दिया और एक खाद्य भंडार लूट लिया। अब तक 26 शव स्कूल से बरामद किए गए हैं। 8 घायल हैं, जिन्हें बवेरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यह भी पढ़ें: घर वापस लौट आइए बड़े भाई, शहबाज शरीफ ने नवाज को दिया पाकिस्तान का चौथी बार PM बनने का ऑफर अभी तक पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है कि कितने छात्रों की मौत हुई है। पुलिस के मुताबिक, हमले के बाद सैनिकों और पुलिस ने आतंकियों का पीछा किया, लेकिन विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान की ओर आतंकी भागने में सफल रहे। पुलिस ने कहा कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, हम उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

1998 में 80 छात्रों की हुई थी हत्या

जून 1998 में DRC की सीमा के पास किछवम्बा तकनीकी संस्थान पर ADF के हमले में 80 छात्रों की जान गई थी। छात्रों को हॉस्टल में जलाकर मार डाला गया था। 100 से अधिक छात्रों का अपहरण कर लिया गया था। एडीएफ को 1990 के दशक में पूर्वी युगांडा में बनाया गया था। आरोप है कि मुस्लिमों का लंबे समय तक उत्पीड़न किया गया। इसके बाद कुछ युवाओं ने तत्कालीन राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के खिलाफ हथियार उठा लिए थे। 2001 में युगांडा सेना से परास्त होने के बाद एडीएफ डीआरसी में उत्तरी किवु प्रांत में चला गया। एडीएफ विद्रोही पिछले दो दशकों से डीआरसी के अंदर से काम कर रहे हैं। ये भी पढ़ेंः दुनिया से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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