कौन थे शेख नवाफ अल अहमद अल जबर अल सबा, जिनके निधन पर तमाम इस्लाम राष्ट्र हो गए गमज़दा
Sheikh Nawaf Al-Ahmad Al-Sabah Profile: कुवैत में अमीर शेख नवाफ अल अहमद अल-सबा के निधन के बाद सिर्फ कुवैत में ही नहीं, बल्कि तमाम इस्लाम राष्ट्रों में शोक की लहर है। असल में वह शख्सियत ही ऐसी थी। उन्होंने जिंदगीभर अमन-ओ-अमान के लिए काम किया, साथ ही वह एक निर्विवाद जिंदगी जीने के लिए जाने जाते थे। देश के रक्षा मंत्री और आंतरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी उन्होंने अपना बेहतर देने का प्रयास हमेशा किया है।
2006 में हुआ था नोमिनेशन
अल जज़ीरा के अनुसार शेख नवाफ को साल 2006 में उनके सौतेले भाई शेख सबा अल-अहमद अल-सबह ने क्राउन प्रिंस नामित किया था। इसके बाद साल 2020 में शेख सबा अल अहमद अल सबा के निधन के बाद उन्होंने अमीर के तौर पर शपथ ली थी। शेख नवाफ को अपनी डिप्लोमेसी और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए जाना जाता थाटेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में अमीरी दरबार के मंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला अल सबा ने कहा, 'बड़े दुख और दुख के साथ, हम कुवैती लोग, अरब और इस्लामी राष्ट्र, और दुनिया के मित्रवत लोग दिवंगत महामहिम अमीर, शेख नवाफ अल अहमद अल जाबेर अल सबा पर शोक व्यक्त करते हैं'।
रह चुके आंतरिक मामलों के मंत्री
देश का अमीर बनने से पहले उन्होंने कुवैत के इंटीरियर और डिफेंस मंत्री के पद पर भी सेवाएं दी थी, लेकिन सरकार में उनकी सक्रिय सहभागिता नहीं देखी गई थी। बात 1990 की है, जब इराक की सेना ने खनिज तेल के मामले में समृद्ध अमीरात पर हमला किया तो रक्षा मंत्री के रूप में सशस्त्र संगठनों की धमकियों के मद्देनजर शेख नवाफ ने आंतरिक मंत्री के रूप में काम किया। शेख नवाफ का कार्यकाल मुख्य रूप से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित रहा था, क्योंकि यह देश कई राजनैतिक विवादों से जूझ रहा था।
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तीन साल निभाई अमीरी
सितंबर 2020 में USA में जब उनके सौतेले भाई शेख सबा अल-अहमद अल-जबर अल-सबा का 91 साल की उम्र में इंतकाल हो गया तो नवाफ अल अहमद अल-सबा ने शपथ ली थी। हालांकि इससे पहले बरसों तक वह उत्तराधिकारी के रूप में मजबूत दावेदारी रखते थे। 2006 में उन्हें उत्तराधिकारी नामित किया गया था। हालांकि वह अमीर पद के लिए एक गैरविवादित चेहरा थे।
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अज्ञात बीमारी के चलते कराए गए थे अस्पताल में भर्ती
राज्य समाचार एजेंसी KUNA के अनुसार, शेख नवाफ को नवंबर के अंत में एक अज्ञात बीमारी के बाद हालत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को अस्पताल में ही उन्होंने आखिरी सांस ली। अब माना जा रहा है कि शेख नवाफ के सौतेले भाई और कुवैत के उप शासक शेख मेशल अल अहमद अल जबर (83) के हाथों में अब कुवैत की सत्ता आ सकती है।
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