Russia Ukraine War New Update: यूरोप के 26 देशों ने यूक्रेन के लिए सिक्योरिटी फोर्स बनाने और यूक्रेन की सेना को मजबूत करने का ऐलान किया है, जिस पर रूस ने नाराजगी जाहिर की है। रूस ने यूक्रेन के लिए सिक्योरिटी गारंटी की कड़ी आलोचना करते हुए फैसले को यूरोपीय महाद्वीप के लिए खतरे की गारंटी बताया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों का प्रस्ताव मॉस्को के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है।
रूस की यूरोपीय देशों को चेतावनी
रूस ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी कि किसी भी रूप में यूक्रेन में विदेशी सैनिकों की तैनाती को उकसाने की कार्रवाई माना जाएगा और उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा, लेकिन इस धमकी को नजरअंदाज करते हुए सिक्योरिटी फोर्स के गठन से जुड़े यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ सुरक्षा गारंटी के लिए बैठक करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और यूक्रेन को रूस से सुरक्षा गारंटी दिलवाने की मांग की।
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यूरोपीय देशों ने लिया है यह फैसला
बता दें कि 26 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के लिए सिक्योरिटी फोर्स का हिस्सा बनने का फैसला लिया है। इस फोर्स का उद्देश्य युद्धविराम या शांति की स्थिति में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देना और यूक्रेन की सेना को मजबूत करना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यूरोपीय देशों के इस प्रयास को अमेरिका का समर्थन भी जल्द मिल जाएगा। इस फोर्स के अहम सदस्य फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और जर्मनी होंगे।
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फ्रंटलाइन से दूर तैनात होंगे सैनिक
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के समर्थन को यूक्रेन की जीत बताया है। शर्तों के मुताबिक, सिक्योरिटी फोर्स के सैनिक फ्रंटलाइन से दूर तैनात होंगे और मददगार की भूमिका में होंगे, वहीं अमेरिका की बात करें तो राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन में अमेरिकी सेना जमीनी स्तर पर तैनात करने से तो इनकार कर दिया था, लेकिन हवाई सेना तैनात करने की बात जरूर कही थी, लेकिन अमेरिका ने यूक्रेन में सेना तैनात करने का फैसला नहीं किया।
PM मोदी की यूरोपीय नेताओं से बात
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय नेताओं से यूक्रेन संकट पर बातचीत कि और रूस को युद्ध करने के लिए समझाने का अनुरोध भी किया। इस घटनाक्रम के बाद भारत ने यूनाइटेड नेशन्स में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कूटनीतिक प्रयासों के जरिये ही रूस और यूक्रेन युद्ध को खत्म किया जा सकता है। कूटनीति से ही दोनों देशों में शांति संभव है। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कई साथी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात करके रूस को समझाने की गुजारिश की है।
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