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अब अचानक पीएम मोदी की तारीफ क्यों करने लगा मालदीव? बदलते दिख रहे मोहम्मद मुइज्जू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा केवल कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि रिश्तों में आए बदलाव का संकेत भी है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जो पहले "इंडिया आउट" अभियान के समर्थन में थे, अब मोदी को "अद्भुत व्यक्ति" बता रहे हैं और भारत को "विश्वसनीय मित्र" कह रहे हैं। आखिर कैसे बदल गया मालदीव का रुख?

मालदीव के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव दौरे पर गए थे। इस दौरान भारत द्वारा बनाए गए रक्षा मंत्रालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच कई समझौते भी हुए। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल हुए। इसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी और भारत की जमकर तारीफ की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोहम्मद मुइज्जू पलटी मारने वाले हैं? दरअसल, मालदीव चीन का समर्थक रहा है। अब मालदीव का रुझान भारत के प्रति दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और उन्हें एक अद्भुत व्यक्ति बताया है। राष्ट्रपति मुइज्जू के बयान की चर्चा इसलिए अधिक हो रही है क्योंकि वह "इंडिया आउट" अभियान चलाकर ही सत्ता में आए थे। एक समय ऐसा था जब उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की थी। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे और भारत में भी मालदीव के बायकॉट की मांग उठी थी। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू अब भारत को एक "विश्वसनीय मित्र" बता रहे हैं। इसके साथ ही मालदीव ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया। इतना ही नहीं, प्रोटोकॉल तोड़कर मुइज्जू ने व्यक्तिगत रूप से हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।

क्या बोले मुइज्जू?

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि वह एक अद्भुत व्यक्ति हैं, जो भारत के पड़ोसियों के बीच संबंध बनाने के बहुत शौकीन हैं। मालदीव और भारत के बीच सदियों पुराने बहुत अच्छे संबंध हैं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आने वाले दिनों में दोनों सरकारों के बीच सहयोग और भी समृद्ध होने वाला है। मालदीव आर्थिक संकट से गुजर रहा है और इस बीच भारत की तरफ से 565 मिलियन डॉलर, यानी लगभग 5,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। पीएम मोदी ने भी मालदीव को भारत का सच्चा मित्र बताया है। मालदीव पर चीन का कर्ज है। मुसीबत में सहयोग पाकर मालदीव का रुख भी अब बदलने लगा है।

आखिर यह हुआ कैसे?

भारत-मालदीव के रिश्ते और कूटनीतिक बदलाव रातोंरात नहीं हुए हैं। भारत के खिलाफ होने वाली बयानबाज़ी पर भारत ने संयम बरता और स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी। भारत की तरफ से लगातार संपर्क बनाए रखा गया और अंत में मालदीव के रुख में बदलाव देखने को मिला और फिर प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा हुई। यह भी पढ़ें : ‘प्रधानमंत्री पद पर रहते PM मोदी ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड’, इंटरनेशनल सर्वे में दिखा सबूत

मुइज्जू ने जताई उम्मीद

मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है और इसमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय पर्यटकों की होती है। पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के बाद जब स्थिति बिगड़ी तो भारतीयों ने मालदीव न जाने का अभियान शुरू कर दिया। इससे मालदीव की स्थिति बिगड़ने लगी। हालांकि मुइज्जू ने उम्मीद जताई है कि पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद भारतीय पर्यटक भी वहां पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि भारत उन प्रमुख देशों में से एक है जो मालदीव को पर्यटन के क्षेत्र में मदद करता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से इसमें काफी वृद्धि होने वाली है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान में भी वृद्धि होगी।


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