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टैरिफ के बाद पहली बार PM मोदी से मिल सकते हैं ट्रंप, असियान शिखर सम्मेलन में मिलेंगे दिग्गज

PM Modi Trump meet sidelines ASEAN summit Malaysia 2025: अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए टैरिफ के बाद पहली बार राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी एक साथ एक मंच पर होंगे. प्रधानमंत्री मोदी 26-27 अक्टूबर को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के लिए मलेशिया की यात्रा पर जाने वाले हैं. मलेशिया ने राष्ट्रपति ट्रंप को भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है.

100 प्रतिशत टैरिफ का भारत पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.

PM Modi Trump meet sidelines ASEAN summit Malaysia 2025: अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध के बाद पहली बार मलेशिया में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात संभव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में कुआलालंपुर में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक कर सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी 26-27 अक्टूबर को 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के लिए मलेशिया की यात्रा पर जाने वाले हैं. मलेशिया ने भी राष्ट्रपति ट्रंप को इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है. अगर ट्रंप आमंत्रण को स्वीकार करते हैं तो तो यह पहला बड़ा मंच होगा जहां भारत पर लगाए गए टैरिफ लागू होने के बाद दोनों नेता आमने-सामने होंगे.

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रुख

ट्रंप प्रशासन के कुछ सदस्य रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं. ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने मोदी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करते देखना "शर्मनाक" बताया. जो बाइडेन की सरकार में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत पर 50% टैरिफ के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की है और कहा है कि ट्रंप द्वारा शुरू किया गया यह व्यापारिक टकराव भारत को चीन के और करीब ले गया है. अमेरिकी सहयोगी सहित दुनिया के कई देश अब अमेरिका को अविश्वसनीय देश के रूप में देख रहे हैं.

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भारत ने नहीं स्वीकारी अमेरिका की मध्यस्थता

मई महीने में भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति तनावपूर्ण थी और हालात युद्ध जैसे हो गए थे, आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया था. ट्रंप अब तक कई बार यह कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध उन्होंने ही रुकवाया है. मोदी ने इसे अस्वीकार करते हुए ट्रम्प से कहा कि युद्ध विराम भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का प्रत्यक्ष परिणाम है और इसमें अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है. ट्रम्प के दावे का समर्थन करने से इंकार करने तथा ट्रम्प के नोबेल पुरस्कार की चाहत को लेकर मोदी की सतर्कता के कारण उनके संबंधों में काफी खटास आ गई.

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