PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय जापान के दौरे पर है। इसके बाद वे यहां से चीन जाएंगे जहां उन्हें SCO समिट में शामिल होना है। संभव है कि उस यात्रा के दौरान भी भारत-रूस-चीन के बीच नए समझौते तय होंगे। जापान भारत पर 6 लाख करोड़ रुपयों का निवेश कर रहा है, जो रोजगार के साथ उत्पादन क्षेत्र को भी बढ़ावा देगा। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग का फैसला लिया गया है। आइए जानते हैं विस्तार से।
सुरक्षा सहयोग का रोडमैप तैयार
भारत और जापान ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को नए और आधुनिक रूप से स्थापित किया है। इससे दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी। ये साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, रक्षा उद्योग अनुसंधान और विकास को बढ़ाएगा। नए समझौते के बाद दोनों देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर के बीच भी संवाद हो सकेगा। जापान अगले 10 सालों में भारत में 10 ट्रिलियन येन का निवेश करेगा। ये दोनों देशों के बीच लघु और मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप्स को आपस में जोड़ेगा।
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क्रिटिकल मिनरल्स सेक्टर में भी समझौता
भारत और जापान के बीच क्रिटिकल मिनरल्स की सप्लाई चेन को मजबूत करने का भी फैसला हुआ है। मिनरल सिक्योरिटी पार्टनरशिप, इंडो-पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क और क्वाडा क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव्स के साथ मिलकर काम करेगा। इससे क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति बढ़ेगी। इसके लिए समझौता पत्र भी जारी हुआ है, जिसमें भारत के खनिज मंत्रालय और जापान के अर्थव्यवस्था, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देश आंध्र प्रदेश में टोयोटा Tsusho द्वारा संचालित एक रेयर अर्थ रिफाइनिंग प्रोजेक्ट में भी सहयोग बढ़ाएगा, जिससे रेयर अर्थ मेटेरियल की सप्लाई चेन मजबूत होगी।
सेमिकंडकटर चिप और फार्मा सेक्टर में बढ़ोतरी
दोनों देशों के बीच दो अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग दिया जा रहा है। ये हैं सेमिकंडकटर चिप और फार्मास्यूटिकल्स। सेमिकंडकटर चिप के लिए भारत को जापान से रॉ मेटेरियल उपलब्ध करवाता है। वहीं, दोनों देश मिलकर चिप के निर्माण पर भी जोर दे रही है। ये तकनीकी सुरक्षा को बढ़ावा देगा। फार्मा सेक्टर को मजबूत करने के लिए दोनों देश नई दवाओं, वैक्सीन और क्लीनिकल ट्रायल पर मिलकर खोज करेगा और हेल्थकेयर को AI टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए काम करेगा।
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