किसी जगह की जियोलॉजिकल हिस्ट्री समझने, दुर्लभ मेटल्स का पता लगाने और भविष्य के नेचुरल प्रोसेस का अनुमान लगाने के लिए जियोलॉजिस्ट्स टेक्टोनिक प्लेट्स का अध्ययन करते हैं। साल 2023 में नीदरलैंड्स की अट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिकों ने पैसिफिक प्लेट की स्टडी करते हुए एक बड़ी खोज कर डाली थी। टीम को एक बहुत बड़ी टेक्टोनिक प्लेट के बारे में पता चला था। उन्होंने इसे Pontus Plate नाम दिया है। इस खोज पर एक डिटेल्ड रिपोर्ट गोंडवाना रिसर्च जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुई है।
पोंटस प्लेट के लिए रिसर्च करीब 1 दशक पहले अंजाने में हुई थी जब रिसर्चर्स को साइस्मिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए धरती के मैंटल में काफी गहराई में मौजूद पुरानी टेक्टोनिट प्लेट्स के कुछ हिस्से मिले थे। इस टेक्नोलॉजी में धरती के अंदर की तस्वीरें बनाने के लिए भूकंपों या धमाकों से बनीं साइस्मिक वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्चर्स की टीम ने जापान, बोर्नियो, फिलीपींस, न्यू गिनी और न्यूजीलैंड में माउंटेन बेल्ट्स की विस्तृत जांच शुरू की ताकि खोई हुई प्लेट्स को रिकंस्ट्रक्ट किया जा सके।
कहां से कहां तक थी ये प्लेट?
10 साल से ज्यादा समय तक चली इस स्टडी के दौरान टीम ने उत्तरी बोर्नियो में भी फील्डवर्क किया था जहां उन्हें इस पहेली का सबसे अहम पीस मिला। उन्होंने वहां की चट्टानों की मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज की जांच की ताकि यह पता चल सके कि उनका निर्माण कब और कहां हुआ था। मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी से एक ऐसी टेक्टोनिक प्लेट के बारे में पता चला जिसके बारे में अब तक दुनिया अंजान थी। ये प्लेट मूल रूप से दक्षिणी जापान से न्यूजीलैंड तक फैली हुई थी। इसका अस्तित्व शायद 15 करोड़ साल तक रहा होगा।