Pakistan Interim Government Seals Plan To Privatise Pakistan International Airlines: पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है। इसका खुलासा निजीकरण मंत्री फवाद हसन फवाद (Privatisation Minister Fawad Hasan Fawad) ने किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पीआईए के निजीकरण के लिए एक योजना तैयार कर रही है। पिछले साल जून में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ हुए समझौते के तहत तत्कालीन शहबाज शरीफ सरकार राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों में सुधार करने पर सहमत हुई थी। इसके कुछ ही दिन बाद सरकार ने पीआईए का निजीकरण करने का फैसला किया था।
'98 प्रतिशत काम पूरा'
पीआईए को बेचने के बारे में जब फवाद हसन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारा 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बाकी दो प्रतिशत कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे एक्सेल शीट पर लाना है। हसन ने कहा कि कैबिनेट यह तय करेगी कि हिस्सेदारी निविदा के माध्यम से बेची जाए या गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के जरिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद ट्रांजेक्शन एडवाइजर अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा तैयार की गई योजना को मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
'अब पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है'
फवाद हसन ने कहा कि हमने पिछले चार महीनों में जो किया है, वह पिछली सरकारें एक दशक से अधिक समय से करने की कोशिश कर रहीं थी। अब पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइंस के खरीदारों को 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी।
पीआईए पर 785 अरब रुपये की देनदारियां
गौरतलब है कि पीआईए पर 785 अरब रुपये की देनदारियां हैं। यह घाटे में चल रही है। करीब 713 अरब रुपये का संचित घाटा है। वहीं, 2023 में घाटा के 112 अरब रुपये होने की संभावना है। सरकार ने पीआईए को बेचने के लिए 2016 के कानून में भी संशोधन किया है। इस कानून में ज्यादा शेयरों के बेचने पर रोक लगाई गई थी। पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पीआईए की बिक्री तेजी से होगी। यह तेज गति से आगे बढ़ेगा। सूत्रों के मुताबिक, कर्ज के बदले बैंक कागज पर 16.5 प्रतिशत कूपन के साथ 5 साल का बांड जारी करना चाहते थे, जबकि वित्त मंत्रालय केवल 10 प्रतिशत की पेशकश रहा है। हालांकि, इस मामले में बैंकों की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
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यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी ने 2020 में फर्जी पायलट लाइसेंस घोटाले के सामने आने के बाद PIA की यूरोप और यूके जाने वाली फ्लाइट पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध अभी भी जारी है। इससे एयरलाइन को हर साल करीब 40 अरब रुपये के राजस्व का नुकसान होता है। एयरलाइन ने बताया कि पाकिस्तान में जारी वित्तीय संकट के कारण हाल के महीनों में लेनदारों द्वारा उसके विमान को जब्त कर लिया गया है। अगर नया खरीदार इसे खरीदेगा तो उसे नियंत्रण देने से पहले इसे अगले पांच से छह महीने तक चालू रखने के लिए 23.7 अरब रुपये की जरूरत होगी।
150 से अधिक देशों में जाती है पीआईए की फ्लाइट
बता दें कि पीआईए की फ्लाइट150 से अधिक देशों में जाती हैं। एयरलाइंस को सालाना 280 अरब रुपये का राजस्व मिलता है। हीथ्रो में इसके 10 स्लॉट हैं, जिनकी कीमत सालाना 70 अरब रुपये है। पीआईए की बाजार मूल्य संपत्ति एक बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
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