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Pakistan: इमरान खान का बड़ा ऐलान, पीटीआई के सदस्य सभी विधानसभाओं से देंगे इस्तीफा

नई दिल्ली: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को रावलपिंडी में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि उनकी पार्टी ने सभी विधानसभाओं से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इमरान खान ने कहा- हम इस प्रणाली का हिस्सा नहीं होंगे। हमने सभी विधानसभाओं को छोड़ने और इस भ्रष्ट व्यवस्था […]

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नई दिल्ली: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को रावलपिंडी में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि उनकी पार्टी ने सभी विधानसभाओं से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इमरान खान ने कहा- हम इस प्रणाली का हिस्सा नहीं होंगे। हमने सभी विधानसभाओं को छोड़ने और इस भ्रष्ट व्यवस्था से बाहर निकलने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इमरान की पीटीआई इस समय पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में सत्ता में है। और पढ़िए - अमेरिका के मॉन्टगोमरी काउंटी में बिजली के तारों से टकराया विमान, बिजली गुल; 90 हजार घर प्रभावित

इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए होगी मीटिंग

इमरान ने कहा कि पीटीआई ने इस्लामाबाद की यात्रा नहीं करने का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जल्द ही अपने शीर्ष मंत्रियों और संसदीय दल के साथ बैठक करेंगे। वह जल्द ही घोषणा करेंगे कि पार्टी विधानसभा से कब बाहर जाएगी। इमरान ने कहा है कि उनकी पार्टी ने चुनाव या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए रावलपिंडी की यात्रा नहीं की। उन्होंने कहा कि नए चुनाव देश के लिए आवश्यक हैं।

मरियम नवाज शरीफ ने बोला हमला

इमरान ने कहा कि वह चुनाव के बारे में बेफिक्र हैं क्योंकि वे नौ महीने में होंगे और उनकी पार्टी जीत जाएगी। द डॉन के मुताबिक, इमरान खान के नेतृत्व में लॉन्ग मार्च का मकसद जनता का समर्थन दिखाकर चुनावों को बल देना है। मरियम नवाज शरीफ ने मार्च को "सबसे असफल लॉन्ग मार्च" कहकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला बोला। और पढ़िए - Tweet Character Count: ट्वीट कैरेक्टर काउंट को 280 से बढ़ाकर 420 करने का विचार, एलन मस्क ने दिए संकेत उन्होंने ट्ववीट कर कहा- सबसे असफल लॉन्ग मार्च, एक के बाद एक झूठ, लेकिन सच्चाई यह है कि इमरान की 9 साल की योजना, साजिश के माध्यम से सरकार को खत्म करने की योजना, अपने पसंदीदा प्रमुख को लाने की योजना, नियुक्ति में हस्तक्षेप करने की योजना, नए मुखिया को विवादास्पद बनाने की योजना...ये सारी योजनाएं बुरी तरह विफल हुईं। और पढ़िए -  दुनिया से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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