Pakistan Election 2024 : पाकिस्तान में नई सरकार के लिए बीती 8 फरवरी को मतदान हुआ था। इसे लेकर अभी परिणाम की अंतिम तस्वीर सामने नहीं आई है लेकिन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस चुनाव में पाकिस्तान के राजीनीतिक इतिहास की नई कहानी लिखी जाएगी? क्या आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को पहली बार एक निर्दलीय प्रधानमंत्री मिलेगा?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीटीआई समर्थित प्रत्याशियों के पास बढ़त तो है लेकिन पार्टी के पास अपना आइकॉनिक चुनाव चिह्न 'बैट' नहीं है। ऐसे में उम्मीदवार अलग-अलग चुनाव चिह्नों के साथ चुनावी मैदान में उतरे थे। इसका मतलब यह है कि अगर पीटीआई के खाते में अपने समर्थन वाले प्रत्याशियों को मिलाकर सबसे ज्यादा सीटें आ भी जाती हैं तो भी इस बात की संभावना है कि वह सरकार न बना पाए क्योंकि उसे अल्पसंख्यक सीटों पर प्रत्याशी उतारने की अनुमति नहीं दी गई थी।
निर्दलीय को बनाए पीएम कैंडिडेट
रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसी स्थिति में पीटीआई के पास एक विकल्प यह है कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए किसी निर्दलीय उम्मीदवार के नाम का ऐलान करे। इससे पहले जिया उल हक के समय में भी ऐसा ही हुआ था। तब तो पूरी की पूरी संसद का गठन ही निर्दलीयों के साथ किया गया था। डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट बताती है कि देश की 266 में से 212 पर आए शुरुआती गैर आधिकारिक परिणामों के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थन वाले निर्दलीय प्रत्याशी 82 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
चुनाव में लगाए थे धांधली के आरोप
पीटीआई ने चुनाव में फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे, लेकिन फिर भी इसके समर्थन वाले निर्दलीय प्रत्याशी अधिकांश सीटों पर आगे चल रहे हैं। बता दें कि इस पार्टी की स्थापना क्रिकेटर से राजनेता बने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने की थी। इमरान खान फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा काट रहे हैं। यहां चुनाव से पहले तक माना जा रहा था कि तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ एक बार फिर से चुनाव जीत सकते हैं।
गठबंधन कर सकते हैं नवाज शरीफ
अब माना जा रहा है कि नवाज शरीफ सरकार बनाने के लिए गठबंधन भी कर सकते हैं। इसका संकेत तब मिला जब रुझानों के उल्टे रुख के बाद भी नवाज शरीफ ने पहले ही विजयी भाषण दे दिया, जो इशारा करता है कि वह गठबंधन की सरकार के खिलाफ नहीं हैं। अभी तक की चर्चाओं के अनुसार नवाज शरीफ बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ जा सकते हैं। हालांकि, इसकी असल तस्वीर तो तभी साफ हो पाएगी जब चुनाव को परिणाम जारी सामने आ जाएंगे।
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