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पाकिस्तान की मदद को आगे आया तुर्की कितना पावरफुल, जानें टॉप-10 में क्या पोजिशन?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान के कई मंत्री पहले ही दावा कर चुके हैं कि भारत हमला करने वाला है। वहीं, युद्ध की स्थिति के बीच तुर्की ने अपना युद्धपोत पाकिस्तान भेजा है, जो भारत को सीधे तौर पर चुनौती है। विस्तार से इस युद्धपोत के बारे में जानते हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों ने सीमाओं पर सैनिकों की तैनाती में इजाफा किया है। अब तुर्की को लेकर बड़ी बात सामने आ रही है। भूकंप के समय जिस तरह भारत ने तुर्की की मदद की थी, उसी देश ने अब हमें सीधी चुनौती दी है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स की 2014 की सूची के अनुसार तुर्की की सेना दुनियाभर में 8वें स्थान पर काबिज है। 2024 में तुर्की का रक्षा बजट लगभग 40 बिलियन डॉलर (33890 करोड़ रुपये) था। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद के लिए TCG बुयुकाडा युद्धपोत को भेजा है। यह युद्धपोत काफी पावरफुल है, जिसे तुर्की ने खुद तैयार किया है। ये जहाज तुर्की के Milli Gemi प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका मकसद घरेलू तकनीक का इस्तेमाल कर स्वदेशी युद्धपोतों का निर्माण करना है।

तुर्की के युद्धपोत की पावर कितनी?

इस युद्धपोत की लंबाई करीब 99.56 मीटर और चौड़ाई लगभग 14.4 मीटर है। यह पोत समुद्र में करीब 54 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दूरी तय कर सकता है। इस पोत की रेंज 3500 नॉटिकल मील है। इस युद्धपोत में 93 से लेकर 106 सैनिकों और क्रू मेंबर्स को ले जाने की क्षमता है। इसकी मुख्य तोप की मारक क्षमता 1×76MM है। युद्धपोत के ऊपर GM-84 Harpoon एंटी-शिप मिसाइलें भी तैनात की गई हैं। इसमें एंटी एयर मिसाइल Rolling Airframe भी इंस्टॉल है, जो एक ट्रिपल टॉरपीडो लॉन्चर और STAMP रिमोट कंट्रोल्ड गन है। इस युद्धपोत के ऊपर हेलीकॉप्टर हैंगर भी है, जिससे नौसैनिक हेलीकॉप्टरों को डेक से ऑपरेट किया जा सकता है।

तुर्की पर उठ रहे सवाल

इससे पहले भी तुर्की भारत के खिलाफ कदम उठा चुका है। पिछले सप्ताह ही उसने अपनी वायुसेना के उच्च अधिकारियों को पाकिस्तान भेजा था। हालांकि तुर्की स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान के भारत के साथ तनाव के बीच उठाया उसने कदम नहीं उठाया है। पाकिस्तान इससे अलग कुछ अलग ही बयानबाजी कर रहा है। हालांकि तुर्की पर इस जहाज के पाकिस्तान पहुंचने के समय और मकसद को लेकर सवाल उठ रहे हैं। तुर्की का कहना है कि टीसीजी बुयुकाडा की कराची यात्रा सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए है। यह सद्भावना यात्रा है। भारत में तुर्की में जब विनाशकारी भूकंप आया था, तब विमानों के जरिए मेडिकल टीमें और राहत सामग्री भेजी थी। भूकंप में 5 हजार लोग मारे गए थे। इसके बाद भी तुर्की का भारत विरोधी रवैया बदला नहीं है। यह भी पढ़ें:हुड्डा के करीबी पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर कौन हैं? जिन्हें ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किया अरेस्ट यह भी पढ़ें:’10 मिनट का समय दे दो बस…’, भड़काऊ भाषण देने वाले राहुल बेदी पर FIR; देखें वीडियो


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