भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पड़ोसी देश को लग रहा है कि भारत उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान में खौफ का माहौल है, इसके चलते उसके नेता भारत को परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दे चुके हैं। लगातार सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान को अब अपनी आर्थिक स्थिति की चिंता सताने लगी है। लिहाजा पाकिस्तान अब अपनी हालत सुधारने के लिए मित्र देशों से कर्ज मांगने लगा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने अपने खास दोस्त चीन से अब 10 अरब युआन (लगभग 11724 करोड़ रुपये) कर्ज देने की मांग की है।
यह भी पढ़ें:पैदल आए आतंकी, फोन छीन विदेशी हथियारों से बरसाईं गोलियां; NIA की जांच में और क्या-क्या खुलासे?
रिपोर्ट के अनुसार इसकी पुष्टि खुद पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने एक इंटरव्यू के दौरान की है। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन से अपनी मौजूदा स्वैप लाइन को 10 बिलियन युआन तक बढ़ाने की गुहार लगाई है। उन लोगों को उम्मीद है कि पाकिस्तान इस साल के अंत से पहले पांडा बॉन्ड लॉन्च कर देगा।
क्या होती है स्वैप लाइन?
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (WB) की बैठकों के दौरान औरंगजेब ने रॉयटर्स के साथ एक साक्षात्कार में बात की थी। उन्होंने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान के पास 30 बिलियन युआन की स्वैप लाइन पहले से ही है। स्वैप लाइन दो देशों के बीच होती है। अलग-अलग देशों के सेंट्रल बैंकों के बीच करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया जाता है। इसे ही स्वैप लाइन कहा जाता है।
कर्ज के दलदल में डूबा है पाकिस्तान
इससे पहले भी चीन पाकिस्तान के सामने पिछले साल 10 अरब युआन का कर्ज दिए जाने की डिमांड कर चुका है। यह देश पहले से ही चीन का लगभग 30 अरब युआन (लगभग 35172 करोड़ रुपये) का कर्जदार है। पाकिस्तान फिलहाल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, जो कंगाली की हालत में है। इसके बाद भी पाकिस्तान आतंकवाद को पाल-पोसने से बाज नहीं आ रहा।
यह भी पढ़ें:पाकिस्तानी नागरिकों के मुद्दे पर बंटी महाराष्ट्र सरकार, CM-डिप्टी सीएम के बयानों में विरोधाभास क्यों?