भारत का दुश्मन देश पहले से ही कंगाल है। भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ी दी और आयात-निर्यात बंद कर दिया तो और बर्बाद हो गया। भारत की एयर स्ट्राइक और ड्रोन मिसाइल अटैक से और बर्बाद हो गया है। पाकिस्तान पहले से ही कंगाल है और कंगाली से बचने के लिए पाकिस्तान कटोरा लेकर भीख मांगने निकल गया है।
जी हां, पाकिस्तान ने अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) से 1.3 बिलियन डॉलर का कर्जा मांगा है। इसलिए आज IMF के एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक है जिसमें पाकिस्तान को लोने देने नहीं देने पर फैसला होगा। पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा के बीच यह लोन संजीवनी की तरह होगा, लेकिन भारत हरसंभव कोशिश करेगा कि पाकिस्तान को यह लोन न मिले।
भारत की कोशिश कि न मिले लोन
बता दें कि IMF प्रबंधन का हिस्सा होने की वजह से भारत भी बैठक में हिस्सा लेगा और पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को संगठन के सामने बेनकाब करेगा। भारत की दलील यह रहेगी कि लोन पाकिस्तान को नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद और आतंकियों को पालने और आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
बैठक में चीन और अमेरिका के प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे। चीन से विरोध का प्रश्न नहीं उठता, वहीं अमेरिका ने भी इस पैकेज के लिए पाकिस्तान के दावे के विरोध के कोई संकेत नहीं दिए हैं। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने भारत से तनाव के बीच सहयोगी देशों से लोन देने की अपील की है, लेकिन पाकिस्तान ने ही ऐसी अपील किए जाने का खंडन भी किया है।
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पाकिस्तान ने क्यों पसारे हाथ?
पाकिस्तान के इकोनॉमिक अफेयर्स डिवीजन ने आग्रह किया है कि बढ़ते तनाव और शेयरों में गिरावट के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोगी लोन देने में मदद करें। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब बड़े संकट में फंस गई है। मई 2025 तक पाकिस्तान के पास केवल 15.25 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार थे, जबकि उसे अगले 12 महीनों में 30 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है। एक ट्वीट करके यह अपील की गई, जिसका पाकिस्तान अब खंडन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि किसी ने डिवीजन का X अकांउट हैक करके यह पोस्ट की है। पाकिस्तसन की तरफ से ऐसी कोई पोस्ट या अपील नहीं की गई।
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