बांग्लादेश में अब एक और हिंदू युवक को कट्टरपंथियों ने निशाने पर लेने की कोशिश की है. चांदपुर जिले के फरीदगंज में ईशनिंदा यानि ईश्वर का अपमान करने का झूठा आरोप लगाकर अनिक दास नामक हिंदू युवक पर कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला बोल दिया, जिसमें वो बाल बाल बच गया. इससे पहले हिंदू युवक दीपू दास और अमृत मंडल को भी इसी तरह के हमले में मौत के घाट उतार दिया गया था.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि अनिक दास नामक हिंदू युवक ने ईश्वर की निंदा की है, जिसके बाद मुस्लिम कट्टरपंथी उसको निशाना बनाने के लिए निकल गए. अनिक ने किसी तरह पास के एक हिंदू मंदिर में शरण ली. स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों ने बताया कि पुलिस वहां देरी से पहुंची. जिसके बाद अनिक को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया. गनीमत ये रही कि अनिक दास की जान बच गई लेकिन मंदिर परिसर को कट्टरपंथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया.
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2 हिंदू युवक पहले ही गंवा चुके हैं जान
बांग्लादेश में इंकलाब मंच के युवा नेता उस्मान हादी की मौत के बाद काफी हिंसा भड़की थी. जिसमें दीपू चंद्र दास नामक हिंदू युवक को मॉब लिंचिंग के दौरान मौत के घाट उतार दिया गया था. दीपू चंद्र की मौत से भारत उभरा भी नहीं था, उसके कुछ दिन बाद ही अमृत मंडल नामक हिंदू युवक पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें भीड़ ने इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई.
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हिंदुओं में दहशत का माहौल
बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं में दहशत का माहौल है. उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वो किसी तरह उन्हें बांग्लादेश से बाहर निकाल ले. वहीं, अब तो बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी के नेता तारिक रहमान की वतन वापसी से माहौल और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. तारिक रहमान को बांग्लादेश का कट्टरपंथी नेता माना जाता है. जिसके बाद हिंदू और भी डरे हुए हैं.