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कौन हैं नेपाल के पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा? जिन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, हालत गंभीर

Nepal News: नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर दुउबा और उनकी पत्नी आरजू देउबा पर भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शेरसिंह देउबा को दौड़ाकर पीटा। मारपीट में दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

Nepal Protest

Nepal News: नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर दुउबा और उनकी पत्नी आरजू देउबा पर भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शेरसिंह देउबा को दौड़ाकर पीटा। मारपीट में दोनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं उनकी हलत भी गंभीर बताई जा रही है। उनके साथ हुई मारपीट का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। शेरसिंह दुउबा 5 बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुकें हैं।

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5 बार रह चुकें हैं नेपाल के पीएम

नेपाल की कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर दुउबा 5 बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुकें हैं। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1995 में उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। 1995 से 1997 तक वह पहली बार नेपाल के पीएम बने थे। इसके बाद उन्हे दोबारा 2001 में प्रधानमंत्री पद पर चुने गए। इस दौरान वह केवल एक साल तक प्रधानमंत्री के पद पर बने रहे थे। इसके बाद 2004 में तीसरी बार वह नेपाल के प्रधानमंत्री बने। इस दौरान उनका कार्यकाल फरवरी 2005 तक रहा था। इसके बाद वह चौथी बार 2017 में प्रधानमंत्री बने और पांचवी बार वर्ष 2021 में नेपाल के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला।

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नेपाल छात्र संघ की डाली थी नींव

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर दुउबा ने नेपाल छात्र संघ की नींव डाली थी। नेपाल पश्विम के दादेलधुरा जिले में 13 जून 1946 को जन्मे शेर बहादुर दुउबा ने अपने छात्र काल में ही राजनीति में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी और राजनीति में काफी सक्रिय भी हो गए थे। शेर बहादुर दुउबा ने शिक्षा में कला, कानून और राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। उन्हे नेपाल के अन्य अधिकतर नेताओं की तुलना में काफी जानकार माना जाता है। इसके अलावा उन्हे वर्ष 2016 में भारत की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली थी। साठ के दशक के अंत में नेपाल की राजधानी काठमांडू की सुदूर-पश्विमी छात्र समित के नेता के तौर पर उभरे और धीरे-धीरे देश की राजनीति में कदम रखा। वह गिरिजा प्रसाद कोइराला की सरकार में गृह मंत्री भी रह चुकें हैं।

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