अमेरिका अपनी वीजा पॉलिसी को लेकर काफी सख्त कहा जाता है, लेकिन भारत के विदेशी मंत्रालय (MEA) की रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं वो वाकई चौंकाने वाले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट करने वाला देश अमेरिका नहीं, बल्कि सऊदी अरब है. विदेश मंत्रालय ने इससे जुड़ी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की. इसमें ये साफ लिखा गया है कि खाड़ी देशों में डिपोर्टेशन की वजह अवैध तरीके से सीमा पार करना नहीं बल्कि वीजा उल्लंघन और लेबर लॉ का उल्लंघन है. विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने भारतीयों को वीजा के नियमों का पालन करने के सख्त आदेश दिए हैं.
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क्या कहती है MEA की रिपोर्ट?
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन ने राज्यसभा में जो रिपोर्ट पेश की. उसमें लिखा था कि विदेश में भारतीयों की हिरासत और डिपोर्टेशन की अहम वजह वीजा या रहने के परमिट की वैलिडिटी से ज्यादा वक्त तक रुकना, बिना वर्क परमिट काम करते रहना, लेबर लॉ का उल्लंघन, काम देने वाले को धोखा देना या क्रिमिनल केस में फंसना है. गल्फ देशों में लेबर लॉ को अहम माना जाता है, जबकि अमेरिका में इलीगल एंट्री या वीजा उल्लंघन पर ज्यादा ध्यान देते हैं.
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सऊदी ने अमेरिका को पीछे छोड़ा
आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-2025 तक सऊदी अरब से सबसे ज्यादा भारतीयों को वापस भेजा गया है. रियाद में मौजूद इंडियन एंबेसी के डेटा के मुताबिक 2021 में 8 हजार 887 भारतीय, 2022 में 10 हजार 277, 2023 में 11 हजार 486, 2024 में 9 हजार 206 और 2025 में अब तक 7 हजार 19 भारतीयों को सऊदी अरब से डिपोर्ट किया गया है. अमेरिका के मुकाबले डिपोर्टेशन की ये संख्या काफी ज्यादा है. अमेरिका से हर हालात में ज्यादा भारतीयों को वापस नहीं भेजा गया.
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