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दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट लेती है दूल्हे की आंटी, शरीर पर बटर लगाता है ससुर; जान ले लेती हैं ये 5 कुप्रथाएं

Malpractice Against Women: 21वीं सदी के 2 दशक बीत जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में लड़कियों और महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। मतदान प्रक्रिया में शामिल होना तो दूर कई देशों में तो महिलाओं को पुरुषों के बराबरी का हक भी नहीं है। इसी तरह दुनियाभर में कई ऐसी कुप्रथाएं आज भी […]

CRIME AGAINST WOMEN
Malpractice Against Women: 21वीं सदी के 2 दशक बीत जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में लड़कियों और महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। मतदान प्रक्रिया में शामिल होना तो दूर कई देशों में तो महिलाओं को पुरुषों के बराबरी का हक भी नहीं है। इसी तरह दुनियाभर में कई ऐसी कुप्रथाएं आज भी मौजूद हैं, जिनकी वजह से उन्हें कई तरह की अमानवीय यातनाओं से गुजरना पड़ता है। यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) की ताजा रिपोर्ट में इसका जिक्र भी किया गया है।

1. ब्रेस्ट आयरनिंग की कुप्रथा आज भी कायम

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज भी मौजूद कई कुप्रथाएं न केवल इंसानियत को शर्मसार करती हैं, बल्कि मानवाधिकार का भी उल्लंघन करती हैं। इन्हीं में से एक है ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’। ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ की कुप्रथा अफ्रीकी देश कैमरून में प्रचलित है। इसमें किशोरावस्था के शुरू होते ही ब्रेस्ट को लकड़ी के टुकड़ों से दाग दिया जाता है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है, इससे उनकी सुंदरता नहीं निखरे और वे सुरक्षित रहें।

मां अपने हाथोंं करती हैं ब्रेस्ट आयरनिंग

केमरून में ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ की इस कुप्रथा को किशोरी-लड़की की मां खुद अपने हाथों अंजाम देती है। माना जाता है कि गर्म चीजों से ब्रेस्ट दागने से लड़कियों की छाती चपटी हो जाती है और उन पर पुरुषों का ध्यान नहीं जाता। कुलमिलाकर ब्रेस्ट के चपटे होने से पुरुषों का ध्यान उन पर नहीं जाता है, जिससे वह अधिक सुरक्षित रहती हैं। बेशक इससे उनकी सुंदरता कम हो जाती है। यह भी कहा जाता है कि लड़कियों के खूबसूरत दिखते ही पुरुष उनके प्रति आकर्षित होने लगते हैं और जबरन शारीरिक संबंध बनाने के चलते उनके गर्भवती होने का खतरा बरकरार रहता है। इसके चलते किशोरियों की ब्रेस्ट आयरनिंग कर दी जाती है।

2. दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट लेती है दूल्हे की आंटी

कई अफ्रीकी देशों की हालत बहुत खराब है। यहां पर महिलाओं के साथ कुप्रथाओं के नाम पर दरिंदगी की जाती है। अफ्रीकी देश युगांडा और इथियोपिया के अलावा, कई देशों के कुछ समुदायों में वर्जिनिटी टेस्ट प्रक्रिया अब भी होती है। यह भी कम हैरत की बात नहीं है कि वर्जिनिटी टेस्ट दूल्हे की आंटी लेती है। इस टेस्ट में पास होने के बाद ही शादी को मंजूरी मिलती है यानी आंटी ने रिजेक्ट कर दिया तो शादी नहीं हो पाती है। युगांडा में निभाई जाने वाली यह कुप्रथा भी बेहद शर्मनाक है। यहां दुल्हन पक्ष वाले इमरजेंसी सिचुएशन को अंजाम देते हैं। इसके तहत दूल्हा पूरे परिवार और रिश्तेदारों के साथ दुल्हन के घर अचानक पहुंचता है। ससुराल वाले इमरजेंसी सिचुएशन में किस तरह रिएक्ट करेंगे? इस कुप्रथा में यही टेस्ट किया जाता है। इसमें सास-ससुर पहली बार अपनी होने वाली बहू को भी देखते हैं। यह रस्म भी एकतरफा है, जिसमें लड़की को ही सारे कष्ट सहने पड़ते हैं।

4. दकियानूसी कुप्रथाएं ले रहीं जान

कई जगहों पर दहेज प्रथा और बेटे की चाह में बेटियों की हत्या तक कर दी जाती है। इसी तरह वर्जिनिटी टेस्ट, चाइल्ड मैरिज और आयरनिंग टेस्ट जैसी कुप्रथाएं भी कई देशों में आज भी मौजूद हैं। विकासशील देशों समेत अन्य देशों में भी कई ऐसी कुप्रथाएं हैं, जिनकी वजह से महिलाओं और युवतियों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। यातनाओं के चलते कई बार तो लड़कियां दिव्यांग तक हो जाती हैं, जो उनके पूरे जीवन के लिए अभिशाप बन जाता है। नामीबिया में निभाई जाने वाली रस्म भी रिश्तों को शर्मसार करने वाली है। इसके तहत ससुर अपनी बहू यानी बेटे की पत्नी के घर पर बटर लेकर जाता है और उसके पूरे शरीर पर लगाता है। इस दौरान दुल्हन को बताया जाता है कि उसकी बतौर बहू क्या भूमिका होगी?

65 करोड़ महिलाओं के प्राइवेट पार्ट को पहुंचाई क्षति

एक रिपोर्ट यह बताती है कि दुनिया भर 65 करोड़ के करीब लड़कियों की शादी बचपन में ही हो गई थीं। इसके अलावा 20 करोड़ लड़कियां और महिलाएं ऐसी हैं, जिनके प्राइवेट पार्ट को खतना के जरिए नुकसान पहुंचाया गया। यह प्रथा महिलाओं की यौन इच्छा दबाने के नाम पर चली आ रही है।  

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