Libya Denial Disaster: लीबिया में डेनियल तूफान ने ऐसी तबाही मचाई है कि दशकों तक इसका दंश झेलना पड़ेगा। रिपोर्ट्स की मानें तो इस जलजले से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर डेरेना है, क्योंकि करीब सला लाख की आबादी वाले इस शहर में 40 हजार से ज्यादा मौतें होने की आशंका है। इनमें हजारों लापता लोग भी शामिल हैं, जिनका कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।
मरने वालों की गिनती जारी है
लीबिया में आई इस आपदा पर यहां के नागरिक उड्डयन मंत्री हिचेम अबू चकिउआट ने मीडिया को बताया कि विनाशकारी तूफान डेनियल के कारण हजारों लोग मारे जा चुके हैं। मरने वालों की गिनती जारी है। इस आपदा से बचे लोग अब उस खौफनाक ख्वाब को याद करके दहशत में हैं। उन्हें अंदाजा नहीं था कि ये तूफान इतना भयानक होगा।
बिजली-पानी… कुछ नहीं बचा
डेरेना शहर की हालत तो अब ऐसी यह है कि स्थानीय लोगों के लिए पानी, बिजली, सड़क, पेट्रोल समेत कुछ भी नहीं है। रोजमर्रा की चीजों की किल्लत है। पानी में तैरती लाशें, हर तरफ बिखरे मलबे के ढेर तबाही की दास्तां सुना रहे हैं। डेरेना शहर को डेनियल तूफान ने ऐसा जख्म दिया है, जिसे न तो लोग भूलेंगे और न ही लीबिया।
कब बने थे दोनों बांध?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लीबिया में बाढ़ के बाद दो बांध टूटे थे, जिसके बाद तबाही कई गुना बढ़ गई। ये बांध साल 1970 में बनाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बांध में करीब 1.80 लाख क्यूबिक मीटर पानी था, जबकि दूसरे डैम में 35 लाख क्यूबिक मीटर थी। यही पानी जब काल बना तो लोगों को संभलने का मौका तक नहीं दिया।
परमाणु बम जैसे फटे दोनों बांध
एक रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि डैम टूटना परमाणु बम फटने जैसा था। डैम के टूटने का एक मुख्य कारण ये भी बताया गया है कि इसमें भारी मात्रा में कचरा जमा हो रहा था। हाल ही में लीबिया के प्रभावित इलाकों की सैटेलाइट तस्वीरें जारी हुई हैं, जिनमें बर्बादी और तबाही का मंजर दिखाई दिया है।