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ईरान में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की गोली मारकर हत्या, आतंकी हमले का अंदेशा

World News in Hindi: ईरान में सुप्रीम कोर्ट के बाहर दो जजों की गोली मारकर हत्या का मामला सामने आया है। अधिकारियों के अनुसार हमलावर ने भी हत्या के बाद खुद को मारने की कोशिश की। हमले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

World Latest News: ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक शख्स ने 3 जजों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। हमले में दो जजों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल एक जज का इलाज चल रहा है। घटना को अधिकारियों ने आतंकी हमला करार दिया है। बताया जा रहा है कि हमलावर ने हमले के बाद खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उसे दबोच लिया। हमलावर से पूछताछ की जा रही है। वहीं, हमले के बाद आसपास के इलाके में सिक्योरिटी टाइट कर दी गई है। यह भी पढ़ें:Pakistan: पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल की जेल, जानें किस मामले में मिली सजा? ईरान के सुप्रीम कोर्ट की मिजान वेबसाइट ने हमले की पुष्टि की है, जिसने 3 जजों पर आतंकी हमले का ब्योरा दिया है। दो जजों की जान चली गई है, एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। उनका इलाज चल रहा है। मारे गए जजों की पहचान मोहम्मद मोगीसेह और होजातोलेसलाम अली रेजिनी के तौर पर हुई है। ये दोनों ईरान की सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ जज के तौर पर नियुक्त थे।

एक जज की हालत गंभीर

वहीं, घायल हुए तीसरे जज और हमलावर की पहचान उजागर नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक एक शख्स ने अचानक 3 जजों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर ने खुद को भी शूट करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उसे अरेस्ट कर लिया। इसके बाद घायल जज को अस्पताल में दाखिल करवाया गया। हमलावर ने हमले को किस वजह से अंजाम दिया, इसका खुलासा नहीं हो पाया है? ईरानी एजेंसियां हमले की जांच में जुटी हैं। यह भी पढ़ें:Donald Trump के लिए ऐतिहासिक होगा 20 जनवरी का दिन; शपथ ग्रहण में कौन-कौन मेहमान, कितने बजे कार्यक्रम? जानें डिटेल्स इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब आतंकियों ने जजों को निशाना बनाया हो। इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा सुनाने वाले जज की 2014 में हत्या कर दी गई थी। हत्या की जिम्मेदारी ISIS ने ली थी। सद्दाम को 2006 में फांसी की सजा सुप्रीम इराकी क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में सुनाई गई थी। इसकी अगुआई जज रऊफ अब्दुल रहमान ने की थी। आतंकियों ने 16 जून 2014 को उनको किडनैप कर लिया था। इसके दो दिन बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।


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