Iran: कासिम सुलेमानी की मजार के पास बम धमाके का जिम्मेदार कौन, क्या इजराइल-ईरान के बीच होगी जंग?
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Iran Bomb Blast Qasem Soleimani Israel Iran War: ईरान में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर कामरान शहर बम धमाकों से गूंज उठा। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए। कासिम सुलेमानी की मजार पर मौत के इस मंजर ने पूरे ईरान में बदले की आग भड़का दी है।
धमाका भले ही ईरान में हुआ, लेकिन इससे उठी चिंगारी ने विश्व स्तर पर युद्ध का खतरा और बढ़ा दिया है। ईरान के रुख से माना जा रहा है इस हमले में अमेरिका-इजराइल का हाथ हो सकता है। सबसे ज्यादा शक इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर हो रहा है।
इजराइल और ईरान के बीच भड़क सकती है जंग
शक ही नहीं बल्कि ईरान का मानना है इसमें मोसाद का ही हाथ है। अगर ऐसा है तो इजराइल और हमास की जंग अब इजराइल और ईरान के बीच भी भड़क सकती है। हमले के बाद ईरान की तरफ से आने वाला बयान भी इस तरफ ही इशारा कर रहा है। ईरान ने साफ कहा है कि वो इसका बदला निहायत ही भीषण तरीके से लेगा।
अमेरिका और मोसाद के निशाने पर कुद्स फोर्स के लीडर
कुद्स फोर्स के लीडर हमेशा अमेरिका और मोसाद के निशाने पर रहते हैं। कहा जा रहा है कासिम की मजार पर कुछ कमांडर भी थे, जो अमेरिका और इजराइल के निशाने पर थे। इस धमाके को बेरूत में मारे गए हमास के टॉप कमांडर से भी जोड़ा जा रहा है। मतलब साफ है कि अगर इस धमाके में इजराइल-अमेरिका का हाथ हुआ तो इजराइल-गाजा की जंग अपनी सीमा से बाहर चली जाएगी। इसके बाद अब तक जो मिडिल ईस्ट में नहीं हुआ वो देखने को मिलेगा। सिर्फ मिडिल ईस्ट ही नहीं, बल्कि दुनिया में इस धमाके ने टेंशन बढ़ा दी है।
तीसरे देश की ऑफिशियल एंट्री
हमास, हिजबुल्लाह और हूती, इजराइल इन तीनों से लड़ रहा है। हिजबुल्लाह मतलब लेबनान, हूती मतलब यमन और हमास मतलब फिलिस्तीन...अब तक इजराइल इन तीनों से लड़ रहा है। हूतियों के हमले, हिजबुल्ला के अटैक और हमास की बमबारी का जवाब दे रहा था, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ जब हमास के टॉप लीडर को लेबनान की जमीन पर मारा गया। मतलब गाजा इजराइल की जंग में एक तीसरे देश की ऑफिशियल एंट्री हुई।
इजराइल और हमास की जंग दुनिया के लिए और ज्यादा खतरनाक
जिसके बाद इजराइल और हमास की जंग दुनिया के लिए और ज्यादा खतरनाक हो गई। कहते हैं इसका साइडइफेक्ट ऐसा होता देख रहा है जिसका असर कई देशों में पड़ सकता है। माना जा रहा है कि लेबनान की जमीन पर हमास के टॉप कमांडर की मौत मोसाद के इनपुट पर हुआ। जिसे लेबनान अपनी धरती पर इजराइल का हमला मान रहा है। इसके बाद सीधे धमकी दे रहा है कि इसका नतीजा काफी खतरनाक होगा। कहा जा रहा है हमास को हिजबुल्लाह के जरिए ईरान का समर्थन हासिल है, लेकिन ईरान हमेशा से इसे नकारता आ रहा है। अभी तक माना जा रहा था कि इजराइल-हमास की जंग बंद होने वाली है, लेकिन ईरान में धमाके ने इस जंग को और भड़का दिया।
ईरान की धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए
जानकार बताते हैं कि ईरान की धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसकी एक मिसाइल कुछ ही मिनट में इजराइल को तबाह कर सकती है। ईरान अपनी इन्हीं मिसाइलों से हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के जरिए मिसाइलों से इजराइल के नागरिकों को निशाना बनाता है। अब सवाल ये है कि क्या तीसरे विश्वयुद्ध का अलार्म बच चुका है...क्या ईरान की वजह से पूरी दुनिया एक बार फिर जंग का मैदान बन जाएगी? क्या तीसरा वर्ल्ड वॉर खाड़ी से शुरू होने वाला है? अगर हां, तो दुनिया पर इसका असर क्या होगा?
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