बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने साफ कर दिया कि शेख हसीना की अवामी लीग फरवरी 2026 के संसदीय चुनावों में हिस्सा नहीं ले पाएगी, क्योंकि पार्टी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है और चुनाव आयोग ने इसका पंजीकरण रद्द कर दिया है. चीफ एडवाइजर के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने बुधवार को एडवाइजरी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी सांसदों के खत का तो उन्हें पता ही नहीं, लेकिन सरकार का स्टैंड क्लियर है- अवामी लीग की कोई एक्टिविटी नहीं चलेगी.
मई में गृह मंत्रालय ने एंटी-टेररिज्म ऑर्डिनेंस के तहत गजट नोटिफिकेशन जारी कर पार्टी और उसके सभी सहयोगी संगठनों पर बैन ठोक दिया था, जो इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के ट्रायल खत्म होने तक लागू रहेगा. लीग के नेता अभी ट्रिब्यूनल में मुकदमे झेल रहे हैं, जबकि जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन से हसीना की सरकार गिरने के एक साल बाद चुनाव हो रहे हैं. हसीना ने विदेश से तीखा हमला बोला कि बिना अवामी लीग के चुनाव कोई चुनाव नहीं, बल्कि ताजपोशी होगी, क्योंकि उनकी पार्टी नौ बार जनता के वोट से चुनी गई.
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उन्होंने मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर तंज कसा कि बिना एक भी वोट के शासन कर रहे हैं और अब लोकप्रिय पार्टी को बैन कर करोड़ों को वोटिंग का हक छीन रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुलह की राह में बड़ा रोड़ा है. इतिहास गवाह है कि जब बांग्लादेशी अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट न दे सकें, तो वे बूथ पर ही नहीं जाते. राजनीतिक तनाव चरम पर है, जहां बीएनपी और जमात जैसी पार्टियां मैदान संभाल रही हैं, लेकिन अवामी लीग का बाहर होना पूरे सियासी समीकरण बदल देगा.
अंतरिम सरकार का ये फैसला बांग्लादेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है, और हसीना की चेतावनी से साफ है कि नई सरकार को नैतिक वैधता की कमी झेलनी पड़ सकती है. चुनावी जंग अब और कड़ी हो गई है, जहां लाखों वोटरों का भविष्य दांव पर लटका हुआ है.
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