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‘रशियन आर्मी जॉइन करो नहीं तो ड्रग केस में फंसा देंगे’, भारतीय छात्र ने सुनाई आपबीती, भेजा वीडियो

Indian Student Video From Ukraine: रूस में पढ़ने के लिए जाने वाले भारतीयों को जबरन सेना में भर्ती करके यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. आमी जॉइन करने से इनकार करने पर झूठे केसों में फंसाने की धमकी दी जा रही है. यह खुलासा एक भारतीय छात्र ने वीडियो भेजकर किया है.

अपनी आपबीती सुनाता साहिल मोहम्मद हुसैन

Indian Student Recounts Ordeal: रूस देखने में कुछ है और असल में कुछ और है. क्योंकि रूस का एक चौंकाने वाला चेहरा सामने आया है, जिसे देखकर हैरत में पड़ जाएंगे. एक तरफ तो रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत के साथ अटूट दोस्ती का दंभ भरते हैं, दूसरी ओर उनके लोग भारतीयों को ही अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं. यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के लिए मजबूर करते हैं और विरोध करने पर झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देते हैं.

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पढ़ाई करने गया था, जंग पर भेज दिया

जी हां, यह खुलासा एक भारतीय छात्र ने किया है, जो रूस में पढ़ाई करने के लिए गया था, लेकिन उसे जबरदस्ती रूसी सेना में शामिल करके यूक्रेन बॉर्डर पर भेज दिया गया है. विरोध करने पर युवक को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई. मजबूरन युवक को सेना जॉइन करनी पड़ी और अब वह यूक्रेन बॉर्डर पर है, जहां से उसने SOS वीडियो भेजकर अपनी आपबीती सुनाई और भारतीयों के नाम एक अपील भरा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार भी लगाई.

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रूसी सेना में शामिल नहीं होने की अपील

गुजरात के मोरबी जिला निवासी साहिल मोहम्मद हुसैन ने यूक्रेन से वीडियो संदेश भेजा है. साहिल ने भारतीयों से रूस की सेना में शामिल नहीं होने की अपील की है. क्योंकि वे रूस में पढ़ने गए थे, लेकिन उन्हें ड्रग स्मगलिंग के झूठे मामले में फंसाकर सेना में जबरदस्ती भर्ती किया गया और यूक्रेन के बॉर्डर पर भेज दिया गया. साहिल ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगी है, जिसके जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारतीयों की रिहाई का प्रयास करने को कहा है.

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पढ़ाई के साथ करता था पार्ट टाइम जॉब

साहिल ने बताया कि जब वह यूक्रेन बॉर्डर पर गया तो यूक्रेन की सेना ने उसे पकड़ लिया. रूस में जब पढ़ाई करता था तो एक कूरियर कंपनी में पार्ट टाइम जॉब करता था. एक दिन रूसी पुलिस ने उसे पकड़ लिया और ड्रग के झूठे मामले में फंसा दिया. जब उसने अपने डॉक्यूमेंट दिखाए तो रूसी सेना में भर्ती होने की शर्त पर रिहा करने की बात कही. मजबूर होकर उसे रूसी समझौता स्वीकार करना पड़ा और फिर 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद रूसी सेना ने उसे बॉर्डर पर भेज दिया.

यूक्रेन की सेना के सामने किया सरेंडर

साहिल ने बताया कि बॉर्डर पर पहुंचते ही उसने यूक्रेन की सेना के सामने सरेंडर कर दिया और उन्हें अपनी आपबीती सुनाई. यूक्रेन की सेना ने उसे वीडियो बनाकर भारत सरकार और गुजरात में मां को भेजने कहा. साथ ही यह संदेश देने को कहा कि भारतीय रूसी सेना के दबाव में आकर आर्मी जॉइन न करें. वहीं वीडियो मिलने के बाद साहिल की मां ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है, जिसक पर सुनवाई फरवरी 2026 में होगी


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