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महंगाई, भूखमरी, आर्थिक संकट…’कंगाल’ पाकिस्तान फिर कहां से खरीद रहा फाइटर जेट-ड्रोन और बम?

Pakistan Army News: पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को कंगाल बताता है। वहां महंगाई, भूखमरी और आर्थिक संकट है, बावजूद इसके पाकिस्तान फाइटर जेट, ड्रोम, बम, मिसाइल खरीद रहा है। आखिर यह सब आ कहां से आ रहा है?

Pakistan Army पैसा नहीं होने के बावजूद फाइटर जेट्स, हथियार और असलहा खरीद रही है।
पाकिस्तान आजकल भारत से जंग लड़ने को आतुर दिख रहा है, जबकि पाकिस्तान कंगाल देश है। लंबे समय से गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की आर्थिक स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि आम नागरिकों के लिए 2 वक्त की रोटी जुटाना भी चुनौती बन गया है। देश की करीब 1.1 करोड़ जनता भूखमरी से जूझ रही है। भूखमरी के मामले में टॉप-100 देशों में पाकिस्तान 99वें नंबर पर है। महंगाई और बेरोजगारी भी आसमान छू रही है और सरकार बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों से आर्थिक मदद की गुहार लगा रही है, बावजूद इसके पाकिस्तान के पास फाइटर जेट, ड्रोन, मिसाइल और गोला बारूद है। यह भी पढ़ें:जनाजे की नमाज में दिखा मौलवी निकला आतंकवादी, रिश्तेदार बताकर फंसी पाकिस्तान की सेना

7 अरब डॉलर से ज्यादा का रक्षा बजट

आर्थिक तंगी के हालातों के बीच हैरान करने वाली सच्चाई यह है कि पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रहा है और नए-नए हथियार खरीद रहा है। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जब देश की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया होने की कगार पर है, तब पाकिस्तान इतना महंगा सैन्य साजो-सामान आखिर कैसे खरीद रहा है? पाकिस्तान की GDP करीब 236 अरब डॉलर है, जो भारत के मुकाबले काफी कम है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने साल 2025 के लिए 7 अरब डॉलर से ज्यादा का रक्षा बजट निर्धारित किया है। यह तब है जब स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों पर खर्च करने के लिए भी पैसे नहीं हैं। यह भी पढ़ें:‘पापा की अर्थी देख बिलख-बिलख के रोई’, जानें पाकिस्तान के हमले में शहीद जवान की बेटी क्या बोली?

चीन दे रहा हथियार और कर्जा

दरअसल, पाकिस्तान के सैन्य विस्तार का सबसे बड़ा कारण चीन से मिलने वाला सहयोग है। पाकिस्तान अपने 80% से ज्यादा हथियार चीन से आयात करता है। चीन न सिर्फ हथियार बेचता है, बल्कि उन्हें खरीदने के लिए आसान शर्तों पर कर्ज भी देता है। यह लोन अक्सर कम ब्याज दर और लंबे भुगतान समय के साथ दिए जाते हैं, जिससे पाकिस्तान को तत्काल नकदी की जरूरत नहीं पड़ती। यह व्यवस्था फिलहाल पाकिस्तान के लिए सुविधाजनक दिख सकती है, लेकिन दीर्घकाल में यह उसे चीन के कर्ज के जाल में फंसा सकती है। इसके अलावा, चीनी हथियारों की गुणवत्ता भी कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है। भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाइयों के दौरान पाकिस्तानी रक्षा ढांचे की कमजोरी सामने आ चुकी है, जिसमें चीनी हथियारों की सीमाएं उजागर हो गई थीं। इस पूरे परिदृश्य को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान आज भूखे पेट सेना पाल रहा है और वह भी उधारी के दम पर। यह रणनीति न केवल देश की आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ सकती है, बल्कि भविष्य में उसकी संप्रभुता के लिए भी खतरा बन सकती है। यह भी पढ़ें:भारत पाक सीजफायर की इनसाइड स्टोरी, पढ़ें 4 दिन की ‘जंग’, संघर्ष विराम और उल्लंघन तक की कहानी


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