बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा जारी है. बीते दिनों हुई दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद अभी भी यहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हो रही है. ताजा जानकारी के अनुसार, बाग्लादेश में स्थित पिरोजपुर में मौजदू हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई. इस दौरान हादसे में अल्पसंख्यक साहा परिवार के तीन रिहायशी घर पूरी तरह से जलकर राख हो गए.
बता दें कि पिरोजपुर में सदर उपजिला के पश्चिम दुमरीताला गांव में शनिवार 27 दिसंबर को सुबह करीब 6:30 बजे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साहा परिवार के कम से कम तीन घर पूरी तरह से जल कर राख हो गए.
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स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, आग लगने की सही वजह अभी तक पता नहीं चली है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमलावरों ने कथित तौर पर एक कमरे में कपड़ा भरकर आग लगा दी, जिससे आग पूरे घर में तेजी से पूरे घर में फैल गई.
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NDTV ने ढाका से फोन पर साहा परिवार से बात की, क्योंकि वे अभी भी डरे हुए हैं. उन्होंने कैमरे पर आने से मना कर दिया और बस इतना कहा कि उन्हें नहीं पता कि आग कैसे लगी और पुलिस कारणों की जांच कर रही है.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि जब वे सुबह-सुबह जागे तो चारों तरफ आग लगी हुई थी और वे अंदर ही फंस गए थें, क्योंकि दरवाजे बाहर से बंद थे.
प्रभावित परिवारों के सभी आठ सदस्य टिन की चादरें और बांस की बाड़ काटकर भागे. हालांकि, उनके घर और सामान पूरी तरह जलकर राख हो गए, साथ ही उनके पालतू जानवर भी मारे गए. यह घटना राजधानी ढाका से लगभग 240 किलोमीटर दूर हुई.
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मौके पर पहुंची पुलिस
पिरोजपुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट मोहम्मद मंजूर अहमद सिद्दीकी ने आग लगने वाली जगह का दौरा किया और शिकायत करने वालों को भरोसा दिलाया कि घटना की तुरंत जांच की जाएगी.
स्थानीय पुलिस ने पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जबकि जांच जारी रहने के साथ-साथ बाकी आरोपियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं.
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया है कि जब कई घरों में आग की बड़ी-बड़ी लपटें फैल रही थीं, तो स्थानीय लोग आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे.
कब और कैसे लगी थी घर में आग?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, घटना के दौरान पलाश कांति के परिवार के सदस्य उस समय अपने घर पर मौजूद नहीं थे, वह अपने रिश्तेदारों से मिलने गए हुए थे और पलाश कांति उस घर में अकेले थे. जब तड़के सुबह परिवार की एक बुजुर्ग महिला शौच के लिए घर से बाहर निकली तो उन्होंने देखा कि पलाश कांति साहा के घर में आग लगी हुई है और देखते ही देखते यह आग आस-पास के घरों में भी फैल गई.
कड़ी मश्क्कत के बाद बुझी आग
मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना की जानकारी जैसे ही फायर ब्रिगेड को मिली तो उनकी एक टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. इस घटना के संबंध में, पिरोजपुर फायर सर्विस एंड सिविल डिफेंस स्टेशन के अधिकारी जुगोल बिस्वास ने बताया कि आग लगने का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. जांच पूरी होने के बाद ही आग लगने की वजह पता चलेगा.
अमित मालवीय ने उठाए गंभीर सवाल
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं चिंताजनक लेवल पर पहुंच गई हैं. 27 दिसंबर को सुबह करीब 6 बजे, पिरोजपुर जिले के दुमुरिया गांव में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों में आग लगा दी. चश्मदीदों ने बताया कि हमलावरों ने पलाश कांति साहा को उनके घर में बंद कर दिया और फिर उसमें आग लगा दी. इससे ठीक एक दिन पहले, बांग्लादेश के पिरोजपुर सदर जिले के पश्चिम दुमुरीतला गांव में 2 हिंदू परिवारों के 5 घरों को जला दिया था.
उन्होंने आगे कहा, 'बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ टारगेटेड हिंसा का यह सिलसिला मालदा और मुर्शिदाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों की याद दिलाता है, जहां ममता बनर्जी के शासनकाल में हिंदू घरों को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया था, और इस्लामी कट्टरपंथियों ने पिता-पुत्र हरगोबिंद दास और चंदन दास की बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला था.'