दक्षिण अफ्रीका में G-20 लीडर समिट हो रही है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को झटका लगा है। ट्रंप ने समिट का बायकॉट किया था। जी-20 के सदस्य नेताओं ने शनिवार को जलवायु संकट और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दक्षिण अफ्रीका के बनाए एक घोषणापत्र को मंजूरी दी है। जबकि अमेरिका ने इस समिट का बहिष्कार किया था। अमेरिका ने मेजबान यानी दक्षिण अफ्रीका पर हथियार बनाने का आरोप लगाया था।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के प्रवक्ता ने कहा कि घोषणापत्र को संयुक्त राज्य अमेरिका के बिना किसी इनपुट के तैयार किया गया था। कहा कि घोषणापत्र पर पुनः बातचीत नहीं की जा सकती।
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बता दें कि अगले साल G20 समिट की मेजबानी अमेरिका को करनी है। दक्षिण अफ्रीका में अगली मेजबानी सौंपी जानी थी। लेकिन ट्रंप के बहिष्कार के बाद कोई अधिकारी भी समिट में शामिल नहीं हुआ। ऐसे में अब अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा आज खाली कुर्सी को अमेरिका मानकर अगले साल की मेजबानी सौपेंगे।
वहीं व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि अमेरिका की लगातार और कड़ी आपत्तियों के बावजूद जी20 नेताओं का घोषणापत्र जारी करने के दक्षिण अफ्रीका के दबाव के साथ, इस बात को जाहिर करता है कि उन्होंने जी20 के संस्थापक सिद्धांतों को कमजोर करने के लिए जी20 अध्यक्षता को हथियार बना लिया है।
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G20 समिट पीएम मोदी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पुराने डेवलपमेंट मॉडल को बदलना जरूरी है। पीएम मोदी ने समिट के पहले 2 सत्रों को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने G20 समिट में वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार, अफ्रीका स्किल इनिशिएटिव और ड्रग–टेरर नेक्सस के खिलाफ इनिशिएटिव पर बात की।