मॉडर्न जमाने के एयरक्राफ्ट कैरियर्स यानी विमान वाहक युद्धपोत युद्ध की सबसे एडवांस्ड और सबसे बड़ी मशीन हैं। पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी एयरक्राफ्ट कैरियर्स का इस्तेमाल किया गया था और ये काफी दमदार भी थे, लेकिन आज के समय के एयरक्राफ्ट कैरियर्स के सामने वह कहीं नहीं टिकते। द्वितीय वर्ल्ड वॉर में अमेरिका ने एसेक्स क्लास के एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात किए थे जिसका विस्थापन 36,000 टन से ज्यादा था। लेकिन अमेरिका के लेटेस्ट कैरियर क्लास जेराल्ड आर फोर्ड का डिस्प्लेसमेंड 1 लाख टन है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एयरक्राफ्ट कैरियर्स में समय के साथ कितना बदलाव आ चुका है।
इतने बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर्स का वजन भी बहुत ज्यादा होता है लेकिन लेकिन मॉडर्न कैरियर्स अपने ज्यादा वजन के बावजूद काफी तेज रफ्तार से चलते हैं। अमेरिका के अलावा कई देश ऐसे हैं जो एयरक्राफ्ट कैरियर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। चीन के पास पांच कैरियर्स हैं जो ऑपरेशन के विभिन्न चरणों में हैं। वहीं, फ्रांस के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर है। भारत, इजिप्ट, यूके, इटली, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया 2-2 एयरक्राफ्ट कैरियर्स ऑपरेट कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कि इतने भारी भरकम एयरक्राफ्ट कैरियर्स कितनी रफ्तार से समुद्र की लहरों पर सफर तय करते हैं और किस देश के कैरियर की स्पीड सबसे ज्यादा है।
किस देश के कैरियर की कितनी स्पीड?
अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स की स्पीड वर्तमान में 30 नॉट्स यानी 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा तक है। वहीं, ब्रिटेन के क्वीन एलिजाबेथ क्लास कैरियर का वजन 65,000 टन है और ये 25 नॉट्स (46.3 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से चल सकता है। फ्रांस के सबसे तेज एयरक्राफ्ट कैरियर चार्ल्स डी गौले 27 नॉट्स (50 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से मूव करता है। इसके अलावा चीन के नए एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान के बारे में कहा जा रहा है कि यह 30 से 31 नॉट्स की रफ्तार से चल सकता है। इसके अलावा चीन के शैडोंग एयरक्राफ्ट कैरियर की स्पीड 31 नॉट्स (57.41 किमी प्रतिघंटा) है। इसे साल 2019 में कमीशन किया गया था।