Maglev Train in China: चीन ने एक ऐसी ट्रेन बनाई है, जो आपको एक घंटे में दिल्ली से पटना पहुंचा सकती है। ये ट्रेन चलती नहीं है, ये हवा में दौड़ती है। जी हां, जो ट्रेन एक घंटे में 1000 किलोमीटर की दूरी तय करती हो, उसके लिए तो यही कहा जाना चाहिए।
दरअसल भारत के सबसे बड़े दुश्मन ने अल्ट्रा हाई स्पीड मैग्लेव ट्रेन का सफल परीक्षण किया है। दरअसल ये ट्रेन पारंपरिक ट्रेनों से अलग है। चंद सेकेंड में हाईस्पीड प्राप्त करने के लिए इसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है। इस ट्रेन को चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। मैग्लेव ट्रेन, मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी के जरिए चलाई जाती हैं। चीन ने शांक्सी प्रांत में इस ट्रेन का ट्रायल रन किया है।
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भारत में सबसे तेज वंदे भारत ट्रेन है, जिसकी स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन, इसे 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जाता है।
मैग्लेव ट्रेनों की हाईस्पीड का राज
मैग्लेव ट्रेनों में पारंपरिक ट्रेनों की तरह पहिए, एक्सल या बियरिंग्स नहीं होते हैं। बल्कि ये विशेष तौर पर डिजाइन किए गए ट्रैक्स के ऊपर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक के सहारे चलती हैं।
भारत में मैग्लेव ट्रेन का संचालन आसान नहीं है। निकट भविष्य में तो ऐसा संभव नहीं दिखता है। मैग्लेव ट्रेनों के लिए स्पेशल ट्रैक्स चाहिए होते हैं, जो स्पीड और हीट को बर्दाश्त कर सकें। भारत में तेज रफ्तार ट्रेनों के संचालन में कई बाधाएं हैं। जैसे आबादी का असमान निवास, आवारा जानवरों की समस्याएं और लोगों की लापरवाही... इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में आने वाली समस्याएं। अगर भारत में मैग्लेव ट्रेनों का संचालन होता है तो ट्रेन का सफर पूरी तरह बदल जाएगा। दिल्ली से पटना का सफर एक घंटे में पूरा हो जाएगा। दिल्ली से कोलकाता का सफर डेढ़ घंटे से भी कम में पूरा किया जा सकता है।
दुनिया की सबसे तेज ट्रेन
दुनिया की सबसे तेज ट्रेन चीन में ही चलती है। इसका नाम शंघाई मैग्लेव है, जो शंघाई पुदोंग एयरपोर्ट से लॉन्गयैंग स्टेशन के बीच चलती है। इसकी रफ्तार 460 किलोमीटर प्रति घंटा है।