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इंसान के सीने में धड़का सूअर का दिल, मेडिकल हिस्ट्री में अमेरिका के डॉक्टरों ने कर दिखाया ‘चमत्कार’

worlds second pig heart transplant surgery: अमेरिका के डॉक्टरों ने दूसरी बार कमाल कर दिया है। यहां के मैरीलैंड शहर में एक व्यक्ति मौत की कगार पर खड़ा था। लेकिन उसे सूअर का हार्ट ट्रांसप्लांट कर नई जिंदगी दी है। मरीज की उम्र 58 साल हो चुकी थी और वह ट्रांसप्लांट के लिए योग्य नहीं […]

worlds second pig heart transplant surgery: अमेरिका के डॉक्टरों ने दूसरी बार कमाल कर दिया है। यहां के मैरीलैंड शहर में एक व्यक्ति मौत की कगार पर खड़ा था। लेकिन उसे सूअर का हार्ट ट्रांसप्लांट कर नई जिंदगी दी है। मरीज की उम्र 58 साल हो चुकी थी और वह ट्रांसप्लांट के लिए योग्य नहीं था। लेकिन अब डॉक्टरों की मेहनत से वह ठीक हो चुका है। जिस टीम ने पूरी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को अंजाम दिया, वह पिछले साल भी ऐसा कारनामा कर चुकी है। यह शख्स पूर्व नौसेनिक रह चुका है। यह भी पढ़ें-यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देगा अमेरिका, मॉस्को को कड़ा जवाब देने की तैयारी में कीव यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिसिन के डॉक्टरों ने बताया कि हार्ट अटैक के कारण इसकी कभी भी मौत हो सकती थी। जिसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट करना जरूरी था। जिसके बाद ही पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। दूसरी बार वर्ल्ड हिस्ट्री में ऐसा हुआ है। अब सर्जरी के दो दिन बाद ही ये मरीज दूसरों को जोक सुना रहा है। यही नहीं, कुर्सी पर बैठने में भी सक्षम है। इस आदमी के लिए अगले सप्ताह खास रहेंगे। सूअर के अंग पर लॉरेंस फॉसेट लगाकर प्रत्यारोपण किया गया है।

ऐसे मरीज से बात करना ही रोमांच का विषय

प्रत्यारोपण टीम में शामिल डॉ. बार्टली ग्रिफिथ कहते हैं कि ऐसा कारनामा करके डॉक्टर हैरान हैं। काफी दबाव में उनको ऐसे काम करने पड़ते हैं। एक ऐसे आदमी से बात करना, जिसके पास सूअर का दिल है। काफी रोमांचित लगता है। सामने से जब मरीज बात करता है तो डॉक्टर सिर्फ सिर हिलाकर ही जवाब देता रहता है। पिछले साल मैरीलैंड में ही उनकी टीम ने एक व्यक्ति को पिग का हार्ट ट्रांसप्लांट किया था। उस आदमी का नाम डेविड बेनेट था। वह मौत की कगार पर था। लेकिन हार्ट सर्जरी के बाद सिर्फ दो महीने ही जीवित रहा।

ट्रांसप्लांट के लिए मानव अंगों की कमी

जिस व्यक्ति को प्रत्यारोपण किया गया है, वह शख्स फॉसेट है। जिसको पहले मरीज के बारे में पता था। लेकिन उन्होंने फैसला किया कि प्रत्यारोपण उनके लिए अब खास चांस है। जिसको वे मिस नहीं करेंगे। अस्पताल की ओर से प्रक्रिया से पहले वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई थी। डॉक्टर बताते हैं कि अभी ट्रांसप्लांटेशन के लिए मानव अंगों की भारी कमी है। पशुओं से ट्रांसप्लांटेशन के कई प्रयास हुए हैं। जो खास तौर पर सिरे नहीं चढ़ पाए हैं। क्योंकि एंडी बॉडी के कारण विदेशी टिश्यूज पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। जिसके बाद अब वैज्ञानिक जैनेटिकली सूअरों के अंग मानवीय बनाने के प्रयास में जुटे हैं।


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