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पीरियड का दर्द सह न पाई ताे खाई गर्भनिरोधक गोलियां, मौत से पहले पांच लोगों को जिंदगी दे गई नाबालिग

Minor Girl died by Eating Contraceptive Pills: ब्रिटेन के वेल्स में एक 16 साल की लड़की की गर्भनिरोधक गोलियां खाने से मौत हो गई। मौत के बाद उसके परिवार वालों ने जरूरतमंदों को उसके अंग दान करने का फैसला किया।

Minor Girl died by Eating Contraceptive Pills: पीरिड्स से होने वाले दर्द को कम करने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां खाना नाबालिग को भारी पड़ गया। गोलियां खाने के 18 दिन बाद यानी 13 दिसंबर को उसकी ब्रेन क्लॉट से मौत हो गई। मामला, यूनाइटेड किंगडम (वेल्स ) का है। मौत से पहले अंगदान के फैसले की वजह से पांच लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। नाबालिग के परिवार ने कहा कि उसकी बच्ची को 5 दिसंबर को माइग्रेन की समस्या शुरू हुई और 8 दिसंबर से उल्टी भी शुरू हो गई, लेकिन डॉक्टर ने शुरू में सोचा कि समस्या पेट में कीड़े की है।

 ब्लड क्लॉटिंग की बीमारी होती है रेयर

जानकारी के अनुसार, बिस्तर पर दर्द से कराहने के बाद उसकी मां ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया, जहां डॉक्टरों ने पता लगाया कि उसके ब्रेन में खून का थक्का (ब्रेन क्लॉट) जम गया है, जिससे ब्रेन में स्वेलिंग आ गई है। लैला की चाची जेना ब्रेथवेट ने बताया कि हम शब्दों में भी नहीं कह सकते कि हमारा परिवार कितना तबाह हो गया है, हमने अभी हाल ही में अपने नाना को खोया है। इस बारे में डॉक्टर ने कहा कि स्वस्थ लोगों में इस तरह की बीमारी रेयर होती है, लेकिन हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने वाले लोगों में इसकी संभावना अधिक हो सकती है।

पूरे शरीर में दर्द के कारण चिल्लाने लगी

परिवार ने बताया कि लैला को दिसंबर की शुरुआत में माइग्रेन हुआ था लेकिन उसके डॉक्टर 11 दिसंबर तक इंतजार करने की सलाह दी। जेना ने कहा कि भर्ती से पहले उसे हर 30 मिनट में उल्टी हो रही थी और उसे गोलियां दी गई। उस शाम वह अपने पूरे शरीर में दर्द के कारण चिल्लाने लगी और परिवार ने उसे अस्पताल ले जाने का फैसला किया। जानकारी के अनुसार, उसे हॉस्पिटल लाते समय वह बाथरूम में गिर गई और बेहोश हो गई। डॉक्टरों ने उसका सीटी स्कैन किया और थक्के की पहचान की और उसे हल रॉयल अस्पताल में सर्जरी के लिए ले जाया गया, जहां बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। जेना उसकी हालत को देखकर कोई गंभीर संकेत नहीं मिले लेकिन अगले दिन डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया जो समझ से परे है। लैला की मौत के बाद उसके परिवार ने क्रिसमस से पहले पांच अन्य लोगों की जान बचाने के लिए उसके अंग दान करने का फैसला किया। ये भी पढ़ें: Anxiety Attack को नहीं करें इग्नोर, इन 5 तरीकों से तुरंत करें दूर ये भी पढ़ें:  सर्दियों में क्यों गाढ़ा हो जाता है खून? इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा, ऐसे करें बचाव


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