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Video: पितृपक्ष की तृतीया-चतुर्थी तिथि पर किनका श्राद्ध किया जाता है? जानें महत्व और उपाय

Pitru Paksha 2025: वैसे तो पितृपक्ष की प्रत्येक तिथि का खास महत्व है, लेकिन तृतीया और चतुर्थी तिथि को श्राद्ध कार्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं इन दोनों तिथि पर किन-किनका श्राद्ध किया जा सकता है।

Pitru Paksha 2025: वर्ष 2025 में 7 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो गए हैं। पितृपक्ष कुल 15 दिन तक चलते हैं, जिस दौरान तिथि अनुसार पितरों व पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि तिथि अनुसार श्राद्ध करने से पूजा सफलत जरूर होती है। साथ ही पितृ व पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं। इस बार 10 सितंबर 2025 को तृतीया तिथि और चतुर्थी तिथि साथ में पड़ रही है, जिससे एक दिन पहले द्वितीया श्राद्ध होगा। तृतीया श्राद्ध को तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन उन मृत सदस्यों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि पर हुई हो। इस तिथि पर श्राद्ध करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

साथ ही सद्बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि आप तृतीया तिथि और चतुर्थी तिथि के श्राद्ध के बारे में और जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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