रायपुर: मणिपुर मामले में संसद में छत्तीसगढ़ का नाम लिए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि ये लोगों का ध्यान भटकाने का तरीका है। सीएम ने हेलीपैड पर चर्चा में कहा कि छत्तीसगढ़ में जो घटनाएं घटी है, उसकी तुलना मणिपुर से नहीं की जा सकती। ये लोगों का ध्यान भटकाने का तरीका है। जानबूझकर जो इलेक्शन गोइंग स्टेट हैं, वहां उनका नाम लेना ही मकसद है ताकी एक तीर से दो निशाना साध सकें लेकिन वे अफसल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी छत्तीसगढ़ और राजस्थान का जिक्र किया था और मणिपुर उनके लिए तीसरा है, क्योंकि वहां पर उनकी डबल इंजन की सरकार है। पूरे 90 दिन हो गए हैं और उसमें वह कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सीएम ने कहा कि दूसरी बात ये है कि ह्युमन राइट्स की टीम भी मणिपुर नहीं जा रही है। मणिपुर में और छत्तीसगढ़ में घूमने आ रहे हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन मणिपुर भी जाना चाहिए हुमन राइट्स वालों को और दूसरी बात यह है कि केंद्र सरकार उन्हें ढूंढने में लगी है की वीडियो वायरल किसने वायरल किया। ये लोग गलत दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से सीखना चाहिए, उन्होंने ये बयान ऑन रिकॉर्ड दिया है कि 50,000 से ज्यादा लोग घर छोड़ चुके हैं, सैकड़ों घर जला दिए गए हैं, 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है और निर्वस्त्र करके घुमाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा जिंदगी में कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है। उसके बावजूद भी केंद्र सरकार के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया, बल्कि वहां पर लगातार घटनाएं बढ़ रही है। इस वजह से लोग अब रात में घरों को छोड़कर सड़कों पर सो रहे हैं और वहां गोलीबारी हो रही है। रात-रात भर पूरा परिवार सुरक्षा के लिए जाग रहा है। वहां हालात बेहद तनावपूर्ण है और केन्द्र सरकार के नियंत्रण से बाहर है।