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जामनगर में चिड़ियाघर बनने का रास्ता साफ, SC ने खारिज की इसके खिलाफ दायर याचिका

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस समर्थित गुजरात के जामनगर में स्थित ‘ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलेशन सेंटर’ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका अधिवक्ता कन्हैया कुमार ने दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Aug 19, 2022 19:37
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस समर्थित गुजरात के जामनगर में स्थित ‘ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलेशन सेंटर’ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका अधिवक्ता कन्हैया कुमार ने दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलेशन सेंटर (GZRRC) एक चिड़ियाघर और पंजीकृत संरक्षण केंद्र है। उसे विदेश से जानवरों को लाकर यहां रखने की अनुमति देने में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने किसी तरह की कोई कानूनी गलती नहीं की है। इस चिड़ियाघर को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड विकसित किया गया है।

GZRRC की तरफ से दायर किये गए जवाब को देखते हुए, अदालत ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट है कि GZRRC को संचालन और जानवरों के हस्तांतरण और इसके गतिविधियों के लिए दी गई अनुमति कानूनी और अधिकृत है। अदालत ने GZRRC के अपने बुनियादी ढांचे, कामकाज, पशु चिकित्सक, क्यूरेटर, जीवविज्ञानी, प्राणी विज्ञानी और इससे जुड़े अन्य विशेषज्ञों के बारे में प्रस्तुतियां भी नोट कीं, और यह भी गौर किया कि संगठन कानून के संदर्भ में अपनी गतिविधियों को सख्ती से अंजाम दे रहा था।

‘याचिकाकर्ता विशेषज्ञ नहीं है’

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, “ऐसा नहीं लगता कि याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दाखिल करने से पहले पर्याप्त रिसर्च की है।” याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि वह खुद भी इस फील्ड के विशेषज्ञ नहीं हैं और उन्होंने सिर्फ न्यूज रिपोर्ट के आधार पर याचिका दाखिल कर दी। न्यूज रिपोर्ट भी किसी विशेषज्ञ ने तैयार नहीं की है। सभी तथ्यों को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि इसमें किसी तरह का गैर कानूनी काम हुआ है। इस याचिका को खारिज किया जाता है। इस मामले में अदालत को दखल देने का कोई आधार नहीं है।

शीर्ष अदालत ने यह भी नोट किया कि GZRRC एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य जानवरों के कल्याण और राजस्व यदि कोई उत्पन्न होता है तो उसका इस्तेमाल केवल बचाव कार्य करने के लिए संस्थान द्वारा किया जाएगा। याचिका में कहा गया था कि ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलेशन सेंटर एक निजी संस्थान है और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने उसे विदेश और स्वदेश से जानवरों को लाने की अनुमति दे दी। वह जामनगर में निजी चिड़ियाघर खोलना चाहते हैं।

ग्रीन जूलोजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलेशन सेंटर ने इस याचिका के विरोध में दाखिल हलफनामे में कहा था कि याचिकाकर्ता ने सुनी सुनाई बातों को आधार बनाकर यह याचिका दाखिल की है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने तमाम तथ्यों पर विचार करने के बाद ही उन्हें अनुमति दी थी। यहां तमाम जानवरों के इलाज के लिए विस्तृत इंतजाम किया गया है।

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Written By

Gyanendra Sharma

First published on: Aug 19, 2022 07:28 PM

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