World No Tobacco Day: अगर आप भी तंबाकू का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए। ये तंबाकू आपको की तरह के कैंसर का शिकार बना सकती है। 31 मई को को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस के जरिए दुनियाभर में तंबाकू के खतरे के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है, ताकि लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बच सकें।
भारत में तंबाकू का सबसे ज्यादा सेवन होता है
हैरानी की बात ये है कि तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 9वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि तंबाकू कई प्रकार की लाइलाज बीमारियों और हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब करने के लिए बहुत घातक है।
डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी के अनुसार, तंबाकू सेवन करने के कारण कई प्रकार के कैंसर और स्वास्थ्य समस्याएं आपको धीरे-धीरे जकड़ लेती हैं और आपको इसके बारे में पता भी नहीं चलता। डॉक्टर कुमारदीप नई दिल्ली के पश्चिम विहार में मौजूद ‘एक्शन कैंसर अस्पताल’ में अपनी सेवा दे रहे हैं।
तंबाकू से कितने तरह के कैंसर हो सकते हैं
डॉ. कुमारदीप दत्ता एक्शन कैंसर हॉस्पिटल में चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के यूनिट प्रमुख और सीनियर कंसल्टेंट हैं। उन्होंने तंबाकू से जुड़े कैंसर के बारे में जानकारी दी है। उनके मुताबिक कैंसर से संबंधित कई अध्ययनों में पाया गया है कि तंबाकू के सेवन से किसी एक प्रकार का ही कैंसर नहीं होता, बल्कि करीब एक दर्जन कैंसर का कारण बनती है।
तंबाकू से जुड़े कैंसर (Cancers Associated with Tobacco)
- सिर और गर्दन का कैंसर (Carcinomas)
- आंत का कैंसर (Colorecta)
- गर्भाशय का कैंसर (Cervix)
- घेघा रोग (Esophagus)
- किडनी का कैंसर (Kidney)
- फेफड़ों का कैंसर (Lung)
- मुंह का कैंसर
- पेट का कैंसर
- अग्नाशयक का कैंसर
- माइलॉयड ल्यूकेमिया
- नाक गुहा का कैंसर
मुंह के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा
दरअसल, तंबाकू का सेवन मुंह से लेकर हृदय,फेफड़े को एक साथ नुक्सान पहुंचता है और बहुत से कैंसर का कारण होता है। अगर तंबाकू को चबाकर सेवन कर रहें हैं (गुटखा या पान मसाला) तो मुंह और गले का कैंसर होता है। लेकिन अगर तंबाकू को सिगरेट, हुक्का या बीड़ी के जरिए लेते हैं तो फेफड़ों का कैंसर, हार्ट की समस्या और गैंगरीन जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है।
डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी के अनुसार, तंबाकू का सेवन परिवारों को गरीब बनाता है। इसका सेवन समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को नुकसान पहुंचाता है। इसके सेवन से सभी को बचना चाहिए। क्योंकि जो लोग धूम्रपान करना बंद कर देते हैं वे तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के विकसित होने और अपने मरने का जोखिम कम कर लेते हैं।