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भारत के इस गांव में पुरुष रखते हैं दो पत्नियां, एक ही घर में साथ रहते हैं तीनों

Ramdeyo ki Basti, Rajasthan : भारत में एक गांव ऐसा भी जहां पुरुष दो शादी करने के बाद एक ही घर में रहते हैं। पत्नियों के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं होता है। आखिर कहां है ये गांव और क्यों पुरुष दो शादी करते हैं ?

Ramdeyo ki Basti, Rajasthan : भारत विविधताओं का देश है। यह देश रहस्यों,मान्यताओं और दुर्लभ परंपराओं से भरा हुआ है। कहीं शादी से पहले बच्चे करने की मान्यता है तो कहीं महिलाओं को साल में पांच दिन बिना कपड़ों के रखने की परंपरा है लेकिन आज हम बात कर रहे हैं कि भारत के उस गांव की, जहां पुरुष दो महिलाओं से शादी करते हैं और तीनों साथ में ही रहते हैं। अक्सर देखा जाता है कि दो पत्नी होने पर दोनों के बीच तनाव और विवाद की स्थिति रहती है लेकिन राजस्थान के 'रामदेयो की बस्ती' के लोग ऐसे नहीं है। यहां के पुरुष दो शादी करते हैं और दोनों पत्नियों के साथ एक ही घर में रहते हैं। दोनों पत्नियों के बीच ना के बराबर विवाद होता है और दोनों सौतन की तरह नहीं बल्कि बहन की तरह घर में रहती हैं। आखिर कहां से आई ये प्रथा? जैसलमेर में रेतों के बीच बसे इस गांव की ये अनोखी परंपरा बेहद दिलचस्प है। यहां रहने वाले ग्रामीणों का मानना ​​है कि इसके पीछे प्राचीन अंधविश्वास है। यहां के लोगों की मान्यता है कि अगर पुरुष एक ही शादी करता है तो उसके या तो कोई संतान ही नहीं होगा या फिर सिर्फ बेटी ही होगी। ऐसे में बेटे की चाहत रखने के लिए लोग दूसरी शादी खुशी-खुशी करते हैं। यह भी पढ़ें : बिहार के बाद मथुरा में बड़ा रेल हादसा, 25 डिब्बे पटरी से उतरे; देखें तस्वीरें दरअसल दूसरी शादी का मतलब ये हुआ कि अब घर में बेटा जन्म जरूर लेगा। इस गांव की सबसे हैरानी वाली बात ये है कि दो पत्नियां साथ में रहती हैं और एक दूसरे से खुश भी रहती है। दोनों के बीच कलह देखने को नहीं मिलती। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब गांव के नए युवा इस परंपरा से खुद को दूर कर रहे हैं। यह भी पढ़ें : अक्सर नीले रंग की ही क्यों होती हैं Flight की सीटें? बताया जाता है कि इस गांव के नए लड़के अब इस परंपरा से उस तरह नहीं जुड़े हैं, जैसे उनके पूर्वज मानते थे। वे इस परंपरा को कुछ खास महत्व नहीं दे रहे हैं। जैसे समाज, देश और दुनिया आधुनिकता को अपना रही है, ठीक उसी तरह ये गांव भी अब इस तरह की परम्पराओं को छोड़कर आगे बढ़ रहा है।


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