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Nita Ambani ने अनंत की शादी में समझाया कन्यादान का असल महत्व, Watch Video

Anant Ambani Radhika Kanyadaan Video: राधिका मर्चेंट के 'कन्यादान' समारोह से ठीक पहले नीता अंबानी ने मंच पर आकर अपने मेहमानों को संबोधित करते हुए कन्यादान का महत्व समझाया, आपको बता दें मेहमानों में किम कार्दशियन, बोरिस जॉनसन, जॉन केरी और ली जे-योंग आदि जैसे कई अन्तर्राष्ट्रीय मेहमान शामिल थे।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jul 16, 2024 23:57
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Anant Ambani Radhika Kanyadaan Video

Anant Ambani Radhika Kanyadaan Video: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेन्ट की शादी कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है। कई लोग उनके लाइफस्टाइल की बात कर रहे हैं। तो कई इंटरनेशनल मीडिया इसको सबसे महंगी शादी बता रहे हैं। ऐसे में अब नीता अम्बानी का एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नीता अंबानी कन्यादान के बारे में समझाती नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कन्यादान, जिसका अर्थ है ‘बेटी को विदा करना’, हिंदू शादियों में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें दुल्हन के माता-पिता उसका हाथ दूल्हे को देते हैं, जो दो परिवारों के मिलन का प्रतीक है।

हालांकि, नीता अंबानी ने बताया कि वो खुद एक बेटी, एक बेटी की मां और सास हैं। तो वह ये अच्छे से समझती हैं कि माता-पिता अपनी बेटियों को कभी नहीं छोड़ सकते। वह आगे बताती हैं कि बेटियां जीवन का सबसे अनमोल उपहार होती हैं, इसलिए उन्हें संजो कर रखना चाहिए न कि दान देना चाहिए।

यहाँ देखें वीडियो ?

नीता अंबानी ने क्या कहा ?

अंबानी आगे बताती हैं कि कन्यादान एक साधारण परंपरा से कहीं बढ़कर है। यह दो परिवारों के एक साथ आगे के संबंधों का भी प्रतीक माना जाता है। इस मिलन में एक परिवार को एक बेटा मिलता है और दूसरे को एक बेटी। प्यार और सम्मान का यह पारस्परिक आदान-प्रदान दोनों परिवारों के बीच एक गहरा बंधन बनाता है, जो एक नए परिवार की शुरुआत को चिह्नित करता है।

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नीता अंबानी ने हिंदू संस्कृति के लिए क्या कहा ?

अंबानी ने इस अवसर पर हिंदू संस्कृति में बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेटियों को प्यार, खुशी और ताकत देने के लिए उनका सम्मान किया जाता है। बेटियों के महत्व को पहचानते हुए कन्यादान की परंपरा हिंदू संस्कृति में महिलाओं के लिए सम्मान और प्रशंसा को अंडरलाइन करती है।

कन्यादान समारोह प्रेम, सम्मान और एकता का एक कालातीत प्रतीक है। यह हमें परिवार के महत्व और विवाह द्वारा लाई जाने वाली भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के सुंदर आदान-प्रदान की याद दिलाता है। कन्यादान मनाकर, परिवार न केवल अपनी बेटियों का सम्मान करते हैं बल्कि खुले दिल और दिमाग से भविष्य को भी अपनाते हैं।

 

First published on: Jul 16, 2024 11:57 PM

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