NASA DART Mission: पृथ्वी को अब एस्टेरॉयड से कोई खतरा नहीं है। धरती को अब एस्टेरॉयड के हमलों से बचाया जा सकेगा। दरअसल, जैसे ही अब किसी एस्टेरॉयड के धरती पर आने का पता चलेगा धरती से स्पेसक्राफ्ट छोड़ अंतरिक्ष में ही उसकी दिशा बदली जा सकेगी। दरअसल, NASA के DART (Double Asteroid Redirection Test) Mission सफल रहने से यह उम्मीद जगी है।
Did you catch the #DARTMission stream live or Didymos it? Impact is over, but the research continues. As scientists delve into data and telescopes release images of the asteroid from their POV, follow @AsteroidWatch and @NASASolarSystem for updates. https://t.co/ZNEYDQVA8Y pic.twitter.com/dn2veS6zbG
---विज्ञापन---— NASA (@NASA) September 27, 2022
धरती को सबसे ज्यादा खतरा एस्टेरॉयड से
डिडिमोस एस्टेरॉयड (DART Mission) में आज सुबह 4:45 बजे एस्टेरॉयड डिडिमोस (Didymos) चंद्रमा के डाइमॉरफोस से टकराया। NASA का दावा है कि इतिहास में यह पहली बार है जब किसी प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट (Planetary Defense Test) यानी डार्ट मिशन (Dart Mission) को सफलतापूर्वक पूरा किया है। विशेषज्ञों की मानें तो भविष्य में धरती को सबसे ज्यादा खतरा एस्टेरॉयड से है।
Don't want to miss a thing? Watch the final moments from the #DARTMission on its collision course with asteroid Dimporphos. pic.twitter.com/2qbVMnqQrD
— NASA (@NASA) September 26, 2022
स्पेसक्राफ्ट ने एस्टेरॉयड से टक्कर की
नासा के मुताबिक डार्ट यानी (Double Asteroid Redirection Test-DART). का उद्देश्य सफल रहा है। स्पेसक्राफ्ट ने एस्टेरॉयड से टक्कर कर ली है। डाइमॉरफोस किस दिशा में मुड़ा है। इसका डेटा आने में थोड़ा समय लगेगा। बता दें कि डार्ट मिशन के स्पेसक्राफ्ट ने करीब 22530 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से डाइमॉरफोस से टक्कराया है। टक्कर से ठीक पहले डार्ट मिशन ने डाइमॉरफोस और एस्टेरॉयड डिडिमोस के वातावरण, मिट्टी, पत्थर और सरंचना की स्टडी भी की। इस मिशन में काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक का उपयोग किया गया।
बदलावों की स्टडी की जाएगी
डिडिमोस का व्यास कुल 2600 फीट है। डाइमॉरफोस इसके चारों तरफ चक्कर लगाता है। उसका व्यास 525 फीट है। अभी टक्कर के बाद दोनों पत्थरों के दिशा और गति में आए बदलावों की स्टडी की जाएगी। नासा ने पृथ्वी के चारों तरफ 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स रिकॉर्ड किए हैं। ऐसे पत्थर जो धरती को खतरा पहुंचा सकते हैं। इनमें से कुछ 460 फीट व्यास से ज्यादा बड़े हैं।