Election results history: आने वाले 19 अप्रैल को पहले चरण के साथ लोकसभा चुनाव की शुरुआत होने वाली है। इस बार वोटिंग्स 7 चरणों में होनी हैं। ऐसे में इतिहास में होने वाले उन चुनावों के बारे में जानिए, जब कैंडिडेट्स के बीच महज चंद वोटों का फासला रहा था। कुछ ही वोटों से एक किसी की जीत हुई थी।
महज 9 वोटों से जीते थे ये नेता
साल 1998 में सोम मरांडी ने महज कुछ ही वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बिहार के राजमहल संसदीय क्षेत्र से महज 9 वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं 1989 के चुनावों में आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के कोंथाला रामकृष्ण ने भी महज 9 वोटों से जीत हासिल की थी।
जम्मू-कश्मीर के पहले नेता, जिन्हें मिली कम वोटों से जीत
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्यजीत सिंह गायकवाड़ ने गुजरात के वडोदरा से महज 17 वोटों से जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में भी बीजेपी से चुनाव लड़ रहे थुपस्तान छेवांग भी जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से महज 36 वोटों से जीत हासिल की थी। थुपस्तान छेवांग जम्मू-कश्मीर के एक मात्र ऐसे नेता है, जिन्होंने इतने कम वोटों से जीत हासिल की थी।
इस बार कौन बना पाएगा रिकॉर्ड
साल 2004 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड से चुनाव लड़ रहे डॉ.पी पुकुनहीकोया ने भी रिकॉर्ड दर्ज किया था। उन्होंने लक्षद्वीप से महज 71 वोटों से जीत हासिल की थी। चुनाव नजदीक है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि वो कौन से कैंडिडेट्स होंगे, जो इन नेताओं के रिकॉर्ड्स को बरकरार रखेंगे।
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