TrendingInd Vs AusIPL 2025UP Bypoll 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी

नई दिल्ली/लखनऊः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। इसमें लखीमपुर खीरी हिंसा से संबंधित एक मामले में जमानत की मांग की गई थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की […]

नई दिल्ली/लखनऊः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। इसमें लखीमपुर खीरी हिंसा से संबंधित एक मामले में जमानत की मांग की गई थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसे चुनौती देने वाली याचिका न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश हुई थी। पीठ ने कहा कि नोटिस जारी कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की है। अभी पढ़ें Congress: कल से कांग्रेस की भारत जोड़ाे यात्रा, 150 दिनों में तीन हजार किमी का सफर होगा तय

3 अक्टूबर को हुई थी लखीमपुर खीरी में हिंसा

जानकारी के मुताबिक पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना उस वक्त हुई थी जब किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। यूपी पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे के अनुसार चार किसानों को एक एसयूवी कार ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो पार्टी कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी। केंद्र सरकार की ओर से उस वक्त लाए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विपक्षी दलों और किसान समूहों में आक्रोश था। इसी के तहत आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी।

मुकुल रोहतगी बोले-कहां गया चश्मदीद गवाह

वहीं शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने घटना का जिक्र किया। उन्होंने कोर्ट के सामने कहा कि घटना के बाद मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में कहा गया था कि आरोपी अपने वाहन में बैठा हुआ था, जिस वक्त हादसा हुआ। जबकि वह गाड़ी में नहीं था। उन्होंने कहा कि लोगों ने कार के चालक को बाहर निकाला और दो अन्य लोगों के साथ मारपीट की गई, जिससे उनकी मौत हो गई। रोहतगी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मिश्रा कार में थे और फायरिंग करते हुए भाग गए, वह चश्मदीद आखिर कहां है। अभी पढ़ें Jammu Kashmir: अनंतनाग में मुठभेड़ के बाद दो आतंकी ढेर, तलाशी अभियान जारी

सुप्रीमकोर्ट ने 18 अप्रैल को रद्द की थी जमात याचिका

उन्होंने पीठ को बताया कि मिश्रा को पहले इस मामले में जमानत दी गई थी, क्योंकि उन पर कोई सीधा आरोप नहीं था। इसके बाद शिकायतकर्ता पक्ष शीर्ष अदालत में आया था और मिश्रा को दी गई जमानत रद्द कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि इस साल 18 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने मामले में मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दी। साथ ही एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने को कहा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित (मिश्रा) को निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई से वंचित कर दिया गया था। रोहतगी ने कहा कि इस पूरे मामले में मिश्रा को पूरा अवसर नहीं दिया गया था। अभी पढ़ें   देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें Click Here - News 24 APP अभी download करें


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.