TrendingIndigovande mataramsir

---विज्ञापन---

Uttarakhand Cabinet: धर्मांतरण में उम्रकैद, पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

Uttarakhand Cabinet Decisions: उत्तराखंड कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की मंजूरी दे दी गई है। साथ ही अब से धर्मांतरण पर उम्रकैद की सजा होगी, इसके लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी है।

Photo Credit- X

Uttarakhand Cabinet Decisions: उत्तराखंड कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई। इसमें पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण और धर्मांतरण पर उम्रकैद की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान दिया गया है। इसके लिए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, लखवाड़ जल विद्युत परियोजना पर भी बड़ा फैसला हुआ। इसमें कहा गया कि प्रभावित लोगों को अब नैनबाग सर्किल रेट के मुताबिक मुआवजा मिलेगा। यह बैठक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में की गई, जिसमें कुल 26 प्रस्ताव पारित हुए।

पूर्व अग्निवीरों को तोहफा

2026 में सेवा पूरी करने के बाद जो होकर अग्निवीर वापस लौटेंगे, उनके लिए आरक्षण का फैसला लिया गया है। राज्य में आने वाली सरकारी नौकरियों में इनको 19 फीसदी तक आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण राज्य अधीन सेवाओं की समूह 'ग' की सीधी भर्तियों पर लागू होगा। इसके लिए ही 'अग्निवीर क्षैतिज आरक्षण नियमावली 2025" को मंजूरी दी गई है। इसका फायदा पलटन कमांडर, फायरमैन, द्वितीय अधिकारी, अग्निशामक और पुलिस आरक्षी समेत कई विभागों को मिलेगा।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेट ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना का अभिनंदन प्रस्ताव किया पारित, पीएम मोदी के प्रति जताया आभार

---विज्ञापन---

धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन को मंजूरी

उत्तराखंड सरकार का दूसरा बड़ा फैसला धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन को मंजूरी देना है। नए विधेयक में उम्रकैद तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है। इसके लिए ही उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई है। विधेयक में अवैध धर्म परिवर्तन के साथ डिजिटली गलत जानकारियों पर रोक लगाना जोड़ा गया है। इसमें पीड़ितों की सिक्योरिटी जैसे प्रावधान भी जोड़ दिए गए हैं।

दोषी पाए जाने पर अलग-अलग साल की सजा का प्रावधान है। कानून का सामान्य उल्लंघन किया जाता है, तो 10 साल की सजा, संवेदनशील मामलों में 5 से 14 साल तक की सजा, गंभीर मामलों में 20 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC ड्राफ्ट रिपोर्ट को दी मंजूरी, 6 फरवरी को विधानसभा में होगा पेश


Topics:

---विज्ञापन---