Mobile Education Van: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में अस्थायी बस्तियों में रहने वाले बच्चों को भी स्मार्ट एजुकेशन दिलाई जा रही है। एचसीएल फाउंडेशन (HCL) , चेतना एनजीओ (Chetna NGO) और नोएडा पुलिस (Noida Police) की ओर से किया जा रहा ये प्रयास अब रंग लाने लगा है। हाल ही में इन संस्थाओं की ओर से पांच और मोबाइल एजुकेशन वैन (Mobile Education Van) को हरी झंडी दिखाई गई है।
12 साल की सोनम को मिला एक लक्ष्य
एक मीडिया रिपोर्ट में इस मोबाइल एजुकेशन वैन में पढ़ने वाली 12 साल की सोनम से बात की कई। सोनम ने बताया कि काफी समय पहले प्रसव के दौरान उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। पिता सेक्टर-71 में सब्जी बेचते हैं। वह कभी स्कूल नहीं गई, लेकिन पिछले दो सालों से वह सेक्टर-70 में अस्थायी बस्ती में आने वाली मोबाइल एजुकेशन वैन में रोजाना ढाई घंटे अंग्रेजी, गणित और विज्ञान सीख रही है।
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मई 2021 में लिया था दाखिला
सोनम ने बताया कि वह घर पर रहती थी। काम करती थी और खाना बनाती थी। मई 2021 में पिता की अनुमति से एक मोबाइल वैन स्कूल में दाखिला लिया। कहा कि पहले तो पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन शिक्षकों से बात करने के बाद अब उसका भी शिक्षक बनने का सपना है।
2124 बच्चे पढ़ते हैं इन मोबाइल स्कूलों में
इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सोनम गौतम बुद्ध नगर के उन 2,124 स्कूली बच्चों में से एक हैं, जिन्हें एचसीएल फाउंडेशन और चेतना एनजीओ के सहयोग से गौतमबुद्ध नगर पुलिस की एक पहल 'नन्हे परिंदे' द्वारा एक वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है।
जानकारी के मुताबिक इन मोबाइल क्लासरूम में एलसीडी स्क्रीन, साउंड सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस, शैक्षिक सामग्री बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है। जनवरी 2021 में जिले में शुरू की गई इस पहल में विभिन्न अस्थायी बस्तियों में पांच वैन चल रही हैं। गौतम बुद्ध नगर पुलिस आयुक्त कार्यालय की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) भारती सिंह ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा स्थित पुलिस लाइंस से पांच और वैन को हरी झंडी दिखाई।
राष्ट्र के निर्माण में करेंगे योगदान
पुलिस अधिकारी भारती सिंह ने बताया कि व्यापक जीवन कौशल-आधारित शिक्षा देने और सामाजिकता को बढ़ावा देने से वंचित बच्चों मदद मिलेगी। इसके साथ ही युवा प्रतिभाएं भी आगे बढ़ेंगी। जो आगे चल कर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देंगे। एचसीएल में कार्यक्रम समन्वयकों के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2021 से अब तक 2,124 बच्चों ने मोबाइल वैन के माध्यम से 'ब्रिज स्कूलिंग' प्राप्त की है।
एक जगह पर ढाई घंटे की होती है क्लास
एचसीएल फाउंडेशन ग्लोबल कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. निधि पुंढीर ने बताया कि स्थानीय पुलिस के सहयोग से प्रत्येक वैन रोजाना 50-60 बच्चों तक पहुंचती है। वैन लगभग ढाई घंटे तक एक अस्थायी बस्ती में रहती हैं। इशके बाद अपने अगले गंतव्य के लिए रवाना हो जाती हैं।
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