Urban Local Bodies: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव (Urban Local Bodies) का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है। चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के लिए सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है। गुरुवार को सर्वेक्षण के लिए गठित आयोग ने अपनी 350 पन्नों की रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। बता दें कि तीन माह की निर्धारित समय सीमा के भीतर ही आयोग ने रिपोर्ट सौंप दी है। अब कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी जाएगी।
28 दिसंबर को बना था पांच सदस्यीय पैनल
जानकारी के मुताबिक 28 दिसंबर को गठित 5 सदस्यीय पैनल को राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के तहत निर्धारित शासनादेश को पूरा करने और 31 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। बताया गया है कि पिछले साल 5 दिसंबर को ओबीसी मेयर और चेयरपर्सन के लिए 27% आरक्षण निर्धारित किया गया था। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को आदेश दिया कि ये चुनाव ओबीसी उम्मीदवारों के लिए सीटों को आरक्षित किए बिना किया जाए।
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इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को रोक लगा दी गई थी। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आयोग की ओर से अध्ययन करने के लिए एक जांच कराने के बाद वह चुनाव करवाएगी। सरकार ने कहा था कि राज्य में शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी के प्रभाव और आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण की घोषणा की जाएगी।
ओबीसी आयोग ने 75 जिलों से इकट्ठा किया आंकड़ा
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग ने 75 जिलों से तथ्य और आंकड़े एकत्र किए। स्थानीय प्रशासन से इलाकों में ओबीसी आबादी के आंकड़े मंगवाए। शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम केवल तभी टिप्पणी कर पाएंगे जब रिपोर्ट हमारे सामने पेश की जाएगी। आयोग की सिफारिशों और निष्कर्षों को ध्यान में रखा जाएगा। आयोग की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही कोटा को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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