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SC के आदेश पर दुकानदारों ने जताई खुशी, कांवड़ रूट पर उतारनी शुरू की नेम प्लेट

UP News in Hindi: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुजफ्फरनगर के दुकानदारों ने खुशी जताई है। दुकानदारों ने कहा कि नेम प्लेट लगाने से उनकी बिक्री काफी कम हो गई थी। कांवड़ रूट पर होने के बाद भी उनको खाने के लाले पड़ते दिख रहे थे। शिवभक्त एक बार रुकते, नेम प्लेट देखते और आगे चले जाते थे।

UP News: (धर्मेंद्र कुमार, मुजफ्फरनगर) उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में लगभग एक सप्ताह से चल रहे नेम प्लेट प्रकरण के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दुकानदारों ने खुशी जाहिर की है। दुकानदार नौशाद, खलील, गुलबहार, नईम और यामीन ने फैसले को भाईचारे की जीत बताया। दुकानदारों ने कहा कि कांवड़िए उनकी दुकानों पर आते थे। नेम प्लेट देखने के बाद सीधा चले जाते थे। कहीं न कहीं उनकी दुकानदारी इससे प्रभावित हो रही थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। पिछले एक सप्ताह से फल, सब्जी की बिक्री बिल्कुल कम हो गई थी। लोग धर्म देख दुकानों से सामान लेने लगे थे। यह भी पढ़ें:जमीन के टुकड़े ने बेटे से कराया 5 लोगों का कत्ल, अंबाला में अंजाम दिया नृशंस हत्याकांड गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद कांवड़ रूट पर लोगों ने अपनी दुकानों के आगे से नेम प्लेट हटा दी हैं। सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए अपना आदेश सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी भी दुकानदार को नाम लिखने की जरूरत नहीं है। बल्कि खाद्य पदार्थ के प्रकार की जानकारी लिखनी होगी। मतलब कि खाद्य पदार्थ वेज है या नॉनवेज। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताते हुए दुकानदारों का कहना है कि नेम प्लेट लगाने का सीधा असर उनकी आमदनी पर पड़ रहा था।

जयंत चौधरी ने भी फैसले पर उठाए थे सवाल

अब वे खुश हैं कि दुकानदारी प्रभावित नहीं होगी। हालांकि सरकार का कोई भी नुमाइंदा अब इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सरकार के फैसले पर सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के नेता भी खुश नहीं थे। इस मामले में राष्ट्रीय लोकदल के कई नेताओं ने सरकार के फैसले को गलत बताया था। रविवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्र सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्रता प्रभार) जयंत चौधरी सरकार के फैसले का विरोध कर चुके हैं। जयंत चौधरी ने सीधे तौर पर कहा था कि सरकार का यह फैसला समझदारी भरा नहीं है। बल्कि अचानक लिया गया फैसला है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। यह भी पढ़ें:मीट खाने से हो रही भयंकर बीमारी, इस देश के 12 राज्यों में हड़कंप; जानें कितनी मौतें-कितने बीमार? यह भी पढ़ें:फर्श पर बेटे की लाश, मां-बेटी बैठीं पास; पुलिस आई तो बोली- सो रहा, उठाना नहीं; ऐसे खुला खौफनाक राज


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