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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हुए रामभद्राचार्य महाराज, सीएम योगी बोले- यह राष्ट्रधर्म का सम्मान

देश की राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को ज्ञानपीठ सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। राष्ट्रपति ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को ज्ञानपीठ पुरस्कार देकर सम्मान किया। इसे लेकर सीएम योगी ने कहा कि यह राष्ट्रधर्म का सम्मान है।

रामभद्राचार्य महाराज को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार।
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए ज्ञानपीठ सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया। संस्कृत भाषा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए स्वामी रामभद्राचार्य को 58वां ज्ञानपीठ सम्मान मिला। इसे लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी। इस दौरान राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मू ने साहित्य और समाज सेवा दोनों क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए रामभद्राचार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रामभद्राचार्य ने श्रेष्ठता के प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। आप अनेक प्रतिभाओं से सम्पन्न हैं तथा आपके योगदान बहुआयामी हैं। आपने शारीरिक दृष्टि से बाधित होने के बावजूद अपनी अंतर्दृष्टि, बल्कि दिव्यदृष्टि से साहित्य और समाज की असाधारण सेवा की है। यह भी पढ़ें : ‘वो हमारे अनुशासक नहीं हैं, हम..’, स्वामी रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर क्यों जताया ऐतराज?

सीएम योगी ने दी बधाई

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर राष्ट्रपति द्वारा रामभद्राचार्य महाराज को ज्ञानपीठ पुरस्कार देते हुए एक वीडियो शेयर किया। साथ ही उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा पूज्य संत, पद्मविभूषित जगद्गुरु तुलसीपीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को संस्कृत भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए प्रतिष्ठित 'ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023' से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई।

योगी बोले- यह राष्ट्रधर्म का सम्मान

उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को कहा कि आपका कालजयी रचना संसार वैश्विक साहित्य जगत के लिए अमूल्य धरोहर है। आपका सम्मान संत परंपरा, भारत की साहित्यिक विरासत एवं राष्ट्रधर्म का सम्मान है। यह भी पढ़ें : क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार? जिसके लिए चुने गए गुलजार और रामभद्राचार्य


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