Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

क्या है भाजपा की राजनीतिक संहिता? दूसरे दलों से आने वाले नेताओं के लिए भगवा दल ने बनाया प्लान

Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड में भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा है कि भाजपा में आने वाले लोगों को पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से संस्कारवान और क्षमतावान बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न पार्टियों के कई नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। इनके लिए पार्टी ने एक राजनीतिक संहिता तैयार की है।

File Photo
Lok Sabha Election 2024 :  लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले भाजपा में कई अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की एंट्री हुई है। उत्तराखंड में इन नेताओं को अपने रंग में रंगने के लिए भाजपा ने नई योजना तैयार की है। इसके लिए पार्टी ने एक राजनीतिक संहिता बनाई है जिसका इन नेताओं को पालन करना होगा। इसके तहत दूसरे दलों से आए नेताओं को गले में भाजपा का पटका, सिर पर टोपी और हाथ में पार्टी से जुड़े कागजात लेकर जनता के बीच जाना होगा।

जीत का अंतर 5 लाख वोट का रखा लक्ष्य

भाजपा ने तय कर लिया है कि ऐसे नेता लोकसभा चुनाव में क्या करेंगे। इनको गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं करने के साथ वोटर्स से संपर्क कर उनको केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताना होगा। बता दें कि राज्य में भाजपा ने हर लोकसभा सीट पर जीत का अंतर 5 लाख से ज्यादा रखने का लक्ष्य बनाया है। बता दें कि राज्य में अब तक 2 पूर्व मंत्रियों और 1 विधायक समेत कई पूर्व विधायक और दूसरी पार्टियों के कई नेता भाजपा जॉइन कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का चंबा में संबोधन

कितने बाहरी नेता हुए भाजपा में शामिल

भाजपा का कहना है कि अभी तक दूसरी पार्टियों के 15,000 से ज्यादा नेता भगवा खेमे में शामिल हो चुके हैं। ऐसे नेताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। पार्टी कह रही है कि इन नेताओं को कुछ न कुछ काम देना जरूरी है, इन्हें खाली नहीं बैठाया जा सकता। इसलिए इन नेताओं को जनता के बीच जाकर भाजपा का प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई है और इस काम को लेकर उनके लिए कुछ नियम-कायदे भी बनाए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य किया गया है।

इस तरह सिखाएंगे पार्टी के नियम-कानून

पार्टी सूत्रों ने अनुसार दूसरे दलों से भाजपा में आने नेताओं को पार्टी के नियम-कायदे सिखाने के लिए संबंधित किताबें दी गई हैं। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि जब भी वे जनता के बीच जाएं तो उनके गले में भाजपा का पटका जिस पर कमल का पूल हो, सिर पर भाजपाई टोपी और हाथ में ऐसे दस्तावेज जरूर हों जिनमें भाजपा की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी हो। भाजपा ऐसे नेताओं की दूसरे दल की छवि को जनता के दिमाग से खत्म करना चाहती है। ये भी पढ़ें: सात चप्पलों की माला पहन क्यों प्रचार करने उतरा प्रत्याशी? ये भी पढ़ें: क्या इस बार नैनीताल में भाजपा बचा पाएगी अपनी ‘साख’?  ये भी पढ़ें: चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री ने छोड़ा साथ


Topics:

---विज्ञापन---